Page 195 - Not Equal to Love
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नॉट इ वल टू लव


                                      था देव 5क बंबई क मेर+ पहली IवOजट ह+ इतनी हॉच पॉच
                                      वाली होगी और मुझे वहां जा कर आपसे िमलने का मौका

                                      ह+ नह+ं िमल पायेगा।
                                      यहां चलने से पहले आपका फोन नह+ं िमल रहा था तो मने
                                      इनबॉ_ स म आपको अपनी vलाइट के  शेwयूल के  बारे म
                                      िलख 5दया था। उसके  बाद भी आपका न तो फोन ह+ िमला
                                      और न ह+ आप फे सबुक पर नज़र आये। म लगातार इस
                                      िचंता म ऊब चूभ हो रह+ थी 5क आपसे कांटै_ ट नह+ं हो पा
                                      रहा है, सब ठfक होना चा5हये और 5क बंबई म आपसे कै से

                                      मुलाकात होगी।
                                      दूसरा झटका 5दY ली एयरपोट< पर लगा जब हमारे साथ बंबई
                                      जाने वाले भाई ने बताया 5क उसने अपने जुगाड़ इः तेमाल
                                      करते हुए बंबई युिनविस<ट+ म 5कसी इंटरनेशनल गेः ट हाउस
                                      म हम सबके  रहने का इंतजाम 5कया है और उसने इस बारे

                                      म सु=रंदर को पहले ह+ बता 5दया था। मजे क बात आपके
                                      žारा करायी गयी होटल क बु5कं ग क िसल करवा द+ गयी
                                      थी, इसक हवा भी नह+ं लगने द+ सु=रंदर ने। आपसे पूछ
                                      नह+ं पा रह+ थी 5क ये गेः ट हाउस कै सा है और कहां है।
                                      यह तो वह+ं जा कर पता चला 5क गेः ट हाउस बेशक

                                      युिनविस<ट+ के  हरे भरे लॉन म है और अg छा भी है ले5कन
                                      ये जगह समंदर से कई 5कलोमीटर दूर थी। म गेः ट हाउस
                                      देखते ह+ बेहद हताश िनराश हो गयी थी। कमरे इतने छोटे
                                      थे 5क बg च* क तो छो5ड़ये, दो जन भी आराम से डबल बेड

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