Page 8 - Not Equal to Love
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सूरज ूकाश
हंद के पहले चैट उप यास के प म दो श द
1997 म मने एक कहानी िलखी थी – दो जीवन समांतर।
लगभग 8 पेज म समायी 3200 श द क! ये कहानी एक
नये ह" फाम$ट म िलखी गयी थी। टेलीफोन पर बातचीत के
(प म। कहानी इतनी सी थी *क एक ूा,यापक अपनी
भूतपूव/ ूेिमका और इस समय व5र6 आइएएस अिधकार" से
बीस बरस के अरसे के बाद फोन करता है। इस कहानी म वे
बीस बरस पहले क!, बीच के अंतराल क! और वत/मान क!
बात करते ह। उलाहने देते ह, िशकायत करते ह, ूेम ूसंग
याद करते ह और दोबारा न िमल पाने क! कचोट साझा
करते ह। बेहद रोचक संवाद म िलखी गयी ये कहानी खूब
पसंद क! जाती रह" है, बीिसय बार छपती रह" है। कई
भाषाओं म इसके अनुवाद हुए ह, एकािधक मंचन हुए ह और
रे*डयो पर सुनायी जाती रह" है। ये कहानी ऑ*डयो (प म
नेट पर उपल ध है। मने शायद सबसे F यादा बार यह"
कहानी सुनायी हो।
इन 19 बरस म तकनीक! Gवकास और Hलोबल GवI क!
धारणा ने हमारे KयGLगत, पा5रवा5रक और सामाMजक जीवन
और हमार" सोच को पूर" तरह से बदल कर रख *दया है।
हम सबके जीवन म मोबाइल और सोशल मी*डया ने सबसे
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