Page 9 - Not Equal to Love
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नॉट इ वल टू लव
H यादा जगह घेर ली है और आपसी संवाद के , संूेषण के
सारे तौर तर+के बदल गये ह।
इन सबके आलोक म आपसी संबंध* को नये नज़=रये से
देखने क ज़/रत आ पड़+ है। जीवन के साथ साथ सा5ह य
भी इन सार+ गितIविधय* से अछ ू ता नह+ं रहा है। इधर क
कहािनय* और उपT यास* क बुनावट म फे सबुक वगैरह क
मौजू़दगी देखी जा सकती है।
उॆ के साढ़े छ: दशक और लेखन के लगभग तीन दशक
पार कर लेने के बाद म भी इन सब क आंच से बचा नह+ं
रह सका। बOY क कु छ H यादा ह+ ूभाIवत हुआ हूं। इधर क
मेर+ सार+ कहािनयां फे सबुक से िलये गये पाऽ* पर आधा=रत
ह और बहुत पसंद क गयी ह। फे सबुक क कहािनय* का
संकलन हाल ह+ म लहर* क बांसुर+ तथा अT य कहािनयां के
नाम से आया है।
टेलीफोन पर बात के /प म िलखी गयी कहानी के 19 बरस
बाद मने एक और ूयोग 5कया है। फे सबुक पर चैट के /प
म लघु उपT यास – नॉट इ वल टू लव िलख कर। अंमेजी म
उपT यास का नाम अपनी साथ<कता खुद िस\ करेगा।
ये लघु उपT यास आपको आ मकथामक भी लग सकता है
ले5कन इस उपT यास म उठाये गये मु^े मेरे नह+ं बOY क आप
सब के जीवन से िलये गये ह। झूठ _ य* बोलूं, फे सबुक पर
भी तो हम ह+ होते ह, बस थोड़+ सी सुख` Iबंद+ लगा कर
थोड़ा अलग, थोड़ा बेहतर, थोड़ा भावुक और थोड़ा समझदार
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