Page 3 - CHETNA January 2019 - March 2019FINAL_Neat FLIP
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हे,,, हमारे स्वर्ीय, दयालु, महहमामय, प्रेमी, जीववत
        वपता परमेश्वर, हम आपका धन्यवाद करते हैं कक आपने हम सब ही को इस सिंसार में
        सुरक्षक्षत रखा. इसके  शलये हम के वल आपको धन्यवाद ही दे सकते हैं, क्योंकक सभी क ु छ
        तो  आपका  ही  हदया  ह ु आ  है.  यहािं  तक  कक  हमारी  एक-एक  सािंस  भी  आपकी  दी  ह ु ई
        अमानत  है.  सो  प्रभु  हम  प्रत्येक  वस्तु क े  शलये  आपका  हदय  से  धन्यवाद  करते  हैं.हम
        प्राथचना करते हैं उन लोर्ों क े शलये जो ककसी भी कारि से अपने जीवन में बीमार और
        परेशान हैं, ऐसे लोर् जो सदा चिंर्ाई की लालसा में अपने त्रबस्तरों पर पड़े ह ु ये हैं और
        जजनकी आिंखें उस रहनुमाई और शशफ़ा की आस में आसमान की ओर तनरन्तर ताकती
        रहती हैं, जब कक आप इस सिंसार में आये थे तो आपने सबको चिंर्ा ककया था, आपने हर
        ककसी पर तरस खाया था. चाहे उस समय कोई भी भूखा, प्यासा, बीमार, तिंर्हाल या
        किर परेशान था, आपने सबको राहत दी थी, सब ही को शशफ़ा दी थी. ऐसे ही लोर्ों क े
        शलये हम आज भी दुआ मािंर्ते हैं. प्रभु सब पर तरस खाना. सब ही को चिंर्ाई देना. हम
        उन लोर्ों क े शलये भी प्राथचना करते हैं जो ककसी भी कारि से घरों से बे-घर हो र्ये हैं.
        जो भूखे और प्यासे हैं और जजनके  पास तन ढािंकने को वस्ि नहीिं हैं, प्रभु प्यारे आप
        प्रत्येक  की  आवश्यकता  को  पूरा  करना.  हम  उनके   शलये  भी  प्राथचना  करते  हैं  जजनके
        वप्रयजन इस मायावी सिंसार से उठा शलये र्ये हैं, प्रभु उनके  व्याक ु ल हृदयों को शाजन्त
        देना.प्रभु जहािं पर लड़ाईंयािं हो रही हैं, उन लोर्ों क े हृदयों में प्रेम को प्रर्ट करना ताकक
        सभी परस्पर एक दूसरे से असीम अपनत्व रख सकें . प्रभु हम इस ‘चेतना’ पत्रिका क े शलये
        भी प्राथचना करते हैं. इस पत्रिका पर अपनी आशीष देना ताकक इसका पढ़ने वाला हरेक
        मनुष्य आपके  बशलदान क े महत्व को समझ सके  और जान सके  कक इस सिंसार में के वल
        प्रभु यीशु मसीह क े नाम से ही उधॎधार शमल सकता है. हम प्राथचना करते हैं, समस्त सिंसार
        की शाजन्त, समृवधॎध, ववकास और भाई-चारे जैसे सिंबन्धों क े शलये, ताकक हर कोई प्रेम से
        रहकर जीना सीख सके . उस प्रेम से, जजसके  शलये आपने सलीबी मौत का दुख उठाया
        था. आने वाले नव वषच में सब ही क े पास आपके  प्रेम की शुभकामनायें प्रसाररत हों.
               आपके  महहमामय नाम से हम इस प्राथचना को समाप्त करते हैं. आमीन. 






                               3 |   चेतना जनवरी  2019 - माचच 2019
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