Page 6 - CHETNA January 2019 - March 2019FINAL_Neat FLIP
P. 6

'तुम  जैसा  भी  हो,  जो समझ में आये,  शलखो  तो.  मैं  उसमें  तुम्हारे  शलए
        चार चाँद लर्ा दूिंर्ा.' वे बोले तो मैंने भी कह हदया कक,

             'खुदा ने सारी दुतनया के  शलए एक ही चाँद बनाया है. तीन और कहाँ से
        लेकर आओर्े?'
             'अच्छा चन्रमा की एक भी रजश्म नहीिं इस्तेमाल करिं र्ा और तुम्हारे शलखे
        हए में अपना सिंशोधन जरुर कर दूिंर्ा.'
         ु
             इतना सब क ु छ होने के  बाद कािी हदनों तक सोचती रही कक क्या शलखूिं?
        कहाँ  से  शुर  करिं ?  तब  बाद  में  इसी  बात  पर  तनिचय  ले  शलया  कक  जैसी  इस
        सन्धभच में उनसे बातें हईं हैं उसी को आधार बनाकर अपनी परेशातनयािं शलख दूँ.
                           ु
        उसके  बाद जो क ु छ शलखा है वही आप सबके  सामने है.

             अब  मुझे  खुशी  तो  है  कक  मैंने  शलख  हदया  है.  मर्र  उससे  भी  अगधक
        प्रसन्नता इस बात की है कक शरोवन जी के  समान चेतना भी जैसे आई सी यू
        में रहने के  बाद वापस घर आ र्ई है. आप तो जानते ही हैं,  जो भी बीमारी के
        बाद ठीक हो जाता है उसकी देख-भाल की आवश्यकता पहले से और भी अगधक

        बढ़  जाती  है.  मैं  शरोवन  जी  और    चेतना  की  देख-भाल  में  अपना  पूरा-पूरा
        ध्यान दे रही हँ.  - आशा शरोवन.
                    ू
             ____________________________________________________



                                                                  हहना

                                          अपनों को ढ ूँढने की तमन्ना की तो
                                                        र्ैरों से वास्ता हआ,
                                                                      ु
                                           जजसे अपना बनाने की लालसा की
                                                         वह औरों का हआ,
                                                                      ु
                                                     समझ में नहीिं आता है
                                             ररवाज़ - ए - मुहब्बत का चलन

                                                      दार् हहना के  लर्ा के
                                          वह न जाने ककधर र्म हआ ? 
                                                                 ु
                                                          - महआ शरोवन.
                                                               ु

                               6 |   चेतना जनवरी  2019 - माचच 2019
   1   2   3   4   5   6   7   8   9   10   11