Page 40 - माँ की पर्णकुटी
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गौर देवी
आप एक जाग क म हला ह I वत मान म आपके तीन ब चे सु मत, तनीषा, तनु "माँ क पण क ु ट " के मा यम से पि लक क ू ल
म पढ़ रहे ह I आप ार भ से ह "माँ क पण क ु ट " पर होने वाले काय म म शानदार नृ य क तु त देती आ रह ह ,
िजसे सभी अ थ तय सराहते ह I अनेक बार, आपके हाथ के बने वा द ट भोजन को खाने का सौभा य ा त ह ु आ है I
गौर जी अपने पु सु मत के साथ माँ से पु क ृ त होती ह ु ई गौर जी नृ य क तु त देती ह ु ई