Page 10 - माँ की पर्णकुटी
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इनम से क ु छ ब चे अपनी अपनी क ाओं म
श ा के े म अ छा दश न कर रहे ह I साथ
ह साथ अ य पा यसहगामी ग त व धय जैसे
ा ट, संगीत, व ान दश नी, कला, नृ य,
क वता, खेल और अनुशासन आ द म भी अपना
नाम रोशन कर रहे ह I ये ब चे अपनी
ईमानदार के लये भी जाने जा रहे ह I क ू ल
क ं सपल महोदया भी इनक ईमानदार क
तार फ कये बना नह ं रह पाती ह I
इस पुनीत सेवा काय के मा यम से बा लकाओं
क श ा पर वशेष जोर दया जा रहा है I
माँ क पण क ु ट पर ब चे पढ़ते ह ु ए
झु गी झोप ड़य म म रह रह बा लकाओं क
श ा का मह व इस लए अ धक है य क
ये बा लकाएं बचपन म अपने अनपढ़ माँ-
बाप का सहारा बन गी है तथा ववाहोपरांत वे
भावी पीढ़ को यो य बनाने का काय बहत ह
ु
अ छे ढंग से कर सक गी I बा लकाय सबसे
अ धक अपनी माँ के संपक म रहती ह I इस
कार एक बा लका क श ा दो प रवार का
भला कर सके गी I
इन ब च को शाम को इनक झोप ड़य के
म य ह समय समय पर ग णत, व ान,
पि लक क ू ल म दा खल कराये गए ब चे वष 2018-19
अं ेजी ान के साथ साथ रामायण व ीक ृ ण
महापु ष व देशभि त मूवी ोजे टर के मा यम से दखाए जा रहे ह I इसके साथ साथ इन ब च को समय समय पर
व भ न थान का मण कराया जाता रहता है जैसे बीसलपुर, खाटू याम बाबा व जीण माता का मं दर व अ य I
क ु छ ब चे क ू ल श ा से पा रवा रक / सामािजक प रि थ तयां के कारण “ ाप- आउट” होते रहते ह I फर भी इन
ब च क क ु छ वष क श ा ने इनक सोच रहन -सहन सा रता आ द म बदलाव कया है I इन “ ाप- आउट” ब च म
से क ु छ ब चे स मानजनक ढंग से िज वकोपाज न भी करने लगे ह I
“न हे कदम मंिजल क ओर” के अंतग त वष बार ब च क क ू ल श ा का ववरण न नानुसार है –
मांक व ीय वष पि लक क ू ल म पढ़ाये गये ब च क सं या क ु ल यय पय म
1 2013-14 6 46108
2 2014-15 28 121836
3 2015-16 47 349813
4 2016-17 60 414800
5 2017-18 45 288637
6 2018-19 60 अनु. 550000