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तम्बू के हर कोने से कष्ट और दुःख का विलाप सुनाई
                                                                        दे रहा था । पाप की मजदूरी भयंकर हैं।





                                                          ऐसा ही तम्बू के हर
                                                          जगह से दिख रहा है
                                                          और हर पल और भी
                                                         बुरा होता जा रहा है।
                                                         बहुत लोग अब तक मर
                                                             चुकें हैं।
                                              हमें मूसा को जल्द
                                          ही ढूँढना होगा । ज़रूर परमेश्वर ने
                                           इस काम को अंजाम दिया है। वह
                                           लोगों पर उनके पाप के कारण
                                               क्रोधित है।































         तुम परमेश्वर से                                 ओह परमेश्वर
       ज़रूर बात करो । हम पाप                         अपने लोगों के ऊपर कृपया
        के लायक हैं परन्तु तुम                        दया करें। उनके पापों के लिए
       उनसे हमपर दया दिखाने                              उन्हें क्षमा करें।  तुम जाओ। पीतल का एक सांप
           को कहो।                                                     बनाओ   जो सांप लोगों को डस रहा है उसी
                                                                      की तरह। सब इसे देखने के लिए इसे एक
                                                                      खम्बे पर रख दो। उनसे कहो की बस उस
                             लोग कब सीखेंगे की                        पीतल के सांप को देख लो और फिर वे तुरंत
                                                                              े
                            परमेश्वर पाप के विषय                            चंग हो जाएंगे।
                            में गंभीर है  उन्हें उसकी
                            आज्ञा का पालन करना
                            आवयशक है और एक
                            पवित्र राष्ट बनना है।

















                                              गिनती                                        17 17
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