Page 22 - HINDI_SB59_Letters3
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                                                    ु
                                                                         ु
                      हालािक मसीह न दु:ख उठाया और क� सहा, तो त�ारी   तुमने अतीत म� लचपन की बुरी अिभलाषाओं,
                                                े
                                           ै
                       भी वैसी ही मनसा होनी चािहए जसा उसन िकया था –   वासना, िपय�ड़पन, मूित�पूजा और अ�
                                     े
                         ु
                        तमको भी दुः ख उठान के  िलए तयार रहना चािहए।  पापों के  िलए ब�त समय गवाया है।
                                           ै
                                                                                  ँ


                      टूटने की आवाज! वाहआआक!
                      टूटने की आवाज! वाहआआक!





                                                                े
                                                             ु
                                                                                    े
                                                                   े
                                                                              �
                                                            त�ार पुरान िमत्र ब�त आ�यचिकत होंग जब तुम
                                                                े
                                                                                     ु
                                                             उनक साथ अब और िदलच�ी से नहीं जड़ोग,  े
                                                             े
                                                           लिकन उ�� एक िदन उसका सामना करना होगा जो
                                                                        ृ
                                                               जीिवतों और मतकों का �ाय करता है।
                           े
                                       �
           ु
          दिनया का अंत ज� ही होनवाला है इसिलए प्राथना
                      ं
                के  िलए सयमी, और सचेत बनो।












                                                     आन��त होना यिद तुम एक मसीही
                                                         े
                                                                 ृ
                                                       होन के  कारण घणायो� और
                                                      अपमािनत िकए जाओ, �ोंिक
                                                        े
                                                     परम�र की आ�ा महान मिहमा के
                                                       साथ तुम पर छाया करता है।
                                                           े
                                                   यिद तुम परम�र की इ�ा के
                                                     ु
                                                   अनसार क� उठा रहे हो, तो
                                                        े
                                                   वही करत रहो जो सही है और
                                                                े
                                                  अपना भरोसा उस परम�र पर
                                                   रखो िजसन तमको बनाया है।
                                                          े
                                                           ु





        िप्रय िमत्रों, जब तुम अि� �पी परी�ाओं से गुजरो तो
            �
        आ�य न करना, �ोंिक यह कोई अनोखी बात नहीं
                      है।
                 े
              इसक बजाय, आन��त होना �ोंिक तुम मसीह के
                             े
                     दु:खों म� उसक सहभागी हो।
     20 20                                    I पतरस 4
                                              I पतरस 4
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