Page 73 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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अब चूँिक संपि और दािय व को िच से समझा िदया गया है, इसिलए श द म दी गई
प रभाषाओं को समझना यादा आसान होगा।
संपि वह चीज है जो मेरी जेब म पैसे डालती है।
दािय व वह चीज है जो मेरी जेब से पैसे िनकालती है।
वा तव म आपको इतना ही जानने क ज़ रत है। अगर आप अमीर बनना चाहते ह , तो
आप िजंदगी भर संपि ख़रीदते रिहए। अगर आप ग़रीब या म य वग य आदमी बनना चाहते ह तो
आप दािय व ख़रीदते रिहए। इनक े बीच क े फक को न जानने से यादातर लोग जीवन भर पैसे
क तंगी से परेशान रहते ह ।
पैस क े िलए आदमी इसिलए परेशान होता रहता है य िक वह न तो श द को समझ पाता
है न ही अंक को। िजन लोग क े सामने पैसे क मुि कल आ रही ह , उ ह यह समझ लेना चािहए
िक श द या अंक म ऐसा क ु छ है िजसे वे पढ़ नह पा रहे ह । कोई चीज़ ठीक से उनक समझ म
नह आ रही है । अमीर लोग इसिलए अमीर होते ह य िक इस मामले म वे पैसे क तंगी से
परेशान लोग से यादा समझदार होते ह । तो अगर आप अमीर बनना चाहते ह और अपनी दौलत
को बनाए रखना चाहते ह तो पैसे क सा रता और समझदारी मह वपूण है, श द म भी और
अंक म भी।
िच म जो तीर लगे ह , वे पैसे क े बहाव यानी क ै श लो को बताते ह । यान रिखए, िसफ़
अंक से पूरी बात समझ म नह आती है, और िसफ़ श द से भी पूरी बात समझ म नह आती है।
मह व तो पूरी कहानी का होता है। िकसी िव ीय रपोट म अंक को पढ़ना लॉट या कहानी
ढूँढने क तरह ही है। पैसा कहाँ जा रहा है, इस बात क कहानी। 80 फ़ सदी प रवार क पैसे क
कहानी यह होती है िक वे अमीर बनने क े िलए कड़ी मेहनत करते जाते ह । इसका कारण यह
नह है िक वे पैसा नह कमाते। असली कारण यह है िक वे िज़ंदगी भर संपि क जगह दािय व
ख़रीदते रहते ह ।
उदाहरण क े तौर पर, यह एक गरीब आदमी या घर पर रहने वाले नौजवान का क ै श लो
पैटन है: