Page 80 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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जैसा िक आप देख सकते ह ये सभी िच बह त यादा सरल बना िदए गए ह । हमम से हर
एक को िज़ंदा रहने क े िलए ख़च करना पड़ता है, हम सभी को रोटी, कपड़े और मकान क
ज़ रत होती है । िच यह बताते ह िक ग़रीब, म य वग य और अमीर आदमी क िज़ंदिगय म
पैसा िकस तरह आता-जाता है । क ै श लो पूरी कहानी बता देता है । इस कहानी म यह बताया
जाता है िक वह आदमी अपने पैसे का िकस तरह इ तेमाल करता है, एक बार पैसा हाथ म आ
जाने क े बाद वह उस पैसे का या करता है ।
म ने अपनी कहानी अमे रका क े सबसे अमीर यि य से इसिलए शु क तािक म यह
बता सक ूँ िक इतने सारे लोग क सोच म कहाँ ग़लती होती है । ग़लती यह होती है िक वे यह
मानते ह िक पैसे से सारी सम याएँ सुलझ जाती ह । इसिलए जब लोग मुझसे फटाफट अमीर
बनने क े नु ख़े पूछते ह तो म काँप जाता ह ँ । या यह िक उ ह कहाँ से शु करना चािहए? म
अ सर सुनता ह ँ, ''म क़ज़ म ह ँ इसिलए मुझे और यादा पैसे कमाने चािहए ।''
परंतु यह देखने म आया है िक यादा पैसे से सम या नह सुलझती । सच कहा जाए तो
इससे सम या और यादा बढ़ सकती है । पैसा हमारी इ सानी कमजो रय को अ सर यादा
उभार देता है । पैसा अ सर हमारे ऐसे पहलू पर रोशनी डालता है िजसक े बारे म हम अनजान
रहते ह । इसिलए, अगर िकसी आदमी को अचानक बह त सी दौलत िमल जाए - जैसे पैतृक