Page 121 - The Peeveeites 2016-17
P. 121
ररम िझम -ररम िझम पानी
बरसने लगते है I
बाररश जब आती है
ढेरो खुिशया लाती है I
पयासी धरती की पयास बुझाती है I
धुलो का उड़ना बंद कर जाती है I ANSHRAJ
III
िमटटी की भीनी सुगंध फै लाती है ºÉ´Éä®É
बाररश जब आती है I
ढेरो खुिशया लाती है I हुआ सवेरा सूरज निकला
ररम िझम -ररम िझम पानी चिड़िया चू- चू बोलते हैI
बरसने लगते है I जागो बच्चों हुआ सवेरा,
आलस में न समय गंवाओI
उठ कर जल्दी सुबह-सवेरे,
सारे ही सुख सहज में पाओI
सुबह जो जल्दी उठता है,
स्वस्थ्य वो हरदम रहता हैI
आलस जो भी करता है,
खुद को दुःख से भरता हैI
आंखें खोलो आलस त्यागो
हुआ सवेरा सूरज निकला I ANSHRAJ
III
टटे सपने ADIL ANWAR
ू
XI
मेरा सपना बहुत ही अनोखा था I हर उतना सारा पैसा का इंतजाम करना जर्री
आदमी के पास कोई न कोई सपना होता हें I थाI
ककसी का सपना पूरा हो जाता हें और ककसी जब में अपने पापा से पाँच लाख र्पए
का नहीं .......... Iमतलब टूटा हुआ सपना माँगा तो बोले कक इतना पैसे वे नहीं दे सकते
I मेरा सपना चाँद पर घर बनाना था I यह हें कयोकक उतना पैसा उनके पास नहीं था
बहुत ही ऊँ चा और बड़ा सोच हे I मगर में Iकफर में अपने दोसत के पास गया और उससे
इसके िलए जो कुछ करना था वह में ने ककया अपना पूरा दुःख सुनाया I वह बोला की पाँच
I में ने बहुत ही पररश्रम से अपने पढ़ाई ककया कदन बाद पैसा देगाI में बहुत खुश होकर
I अपनों से बड़ो के साथ रहकर चाँद के बारे घर चल गया I जब में घर गया तो देखा कक में नहीं लगाता तो शायद आज में अपनी
में जानना I जैसे कक चाँद पर कया –कया हें ? माँ का तिबयत बहुत ख़राब हें I में फ़ौरन माँ को देख नहीं सकता I मगर मेरा चाँद पर
चाँद की लमबाई चौड़ाई कया हें ? और वहां अपने माँ को असपताल ले गया I उसके बाद घर बनाने का सपना पूरा नहीं कर सका और
पर पानी हे या कक नहीं I बहुत सारा ट्ीटमेंट हुआ I बाद में पता चला मेरा सपना टूट गया I मगर में अपनी माँ को
चाँद पर जाने के िलए रॉकेट या कक मेरी माँ के पीट में पतथर हें I िजसका
हवाई जहाज़ बहुत ही ज़र्रू री हें I मै एक ऑपरेशन करना बहुत जर्री था में ने तय बचा िलया I
लोग कहते हें अगर माँ –बाप हें
गरीब पररवार से हूै I मेरे पापा एक छोटे से िलया था कक ऑपरेशन कराना ही होगा I तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहेगा I सब
िबज़नेसमेन जो कक अपने पररवार को अचछे मगर पापा के पास उतना पैसा नहीं था तो सपना ज़र्र पूरा होगा I
से पालन –पोषण कर लेते हें I मगर चाँद पर में ने जो पैसे अपने दोसत से चाँद पर जाने सबका सपना अपना -अपना होता हें
जाने के िलए पाँच लाख र्पए का ज़रुरत था के िलया था वह सारा पैसा माँ की इलाज में I सपने तो सपने ही होते हें I
I मेरे पास पाँच लाख र्पए नहीं था और मुझे लगा कदयाI अगर में वह पैसा माँ की इलाज
tHE PEEVEEITES 2016-17 119