Page 4 - डिजिटल आरती संग्रह ऑडीयो बुक
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                               शद ू र लतल चढतयो अच्छत गजमखको
                                    शेंदूर लतल चढतयो अछॎछत गजमुखको,


                                     दोंहदल लतल वबरतजे सूर् गौरीहरको ,
                                     हतथ चलए गुि-लड्डू सतईं सुरवरको ,

                                     महहमत कहे नत जतय लतगर् हूँ पदको,


                                    जय जय श्री गणरतज ववध्यतसुखदतर्त,

                                      धऩॎय र्ुम्हतरत दशान मेरत मन रमर्त,


                                       अष्टो सससि दतसी सुंकटको बैरी,

                                    ववघनतववनतशन मुंगल मूरर् अवधकतरी,
               आरती
             ऐकण्यासाठी               कोहट सूरजप्रकतश ऐसी छवब र्ेरी,
                 येथे               गुंि-हॎथल मदमस्तक झूले शतचशहतरी,
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                                    जय जय श्री गणरतज ववध्यतसुखदतर्त,

                                      धऩॎय र्ुम्हतरत दशान मेरत मन रमर्त,


                                      भतवभगर् से कोई शरणतगर् आवे,

                                       सुंर्डर् सम्पडर् सभी भरपूर पतवे,

                                      ऐसे र्ुम महतरतज मोको अडर् भतवे,

                                       गोसतवीनुंदन डनचशहदन गुण गतवे,


                                    जय जय श्री गणरतज ववध्यतसुखदतर्त,

                                      धऩॎय र्ुम्हतरत दशान मेरत मन रमर्त.







                                 सदस्य : नशनल बोडड फॉर एमएसएमई ,भारत सरकार
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                                    प्रदेश अध्यक्ष:भाजपा उद्योग आघाडी ,महाराष्ट्र
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