Page 67 - Tidings 2018-19
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प्रेरक प्रसंग                                         बालक मुस्कराकर चुप हो जाता
                                                                                और कफर पढ़ने में लग जाता |
                    लंदन में एक ननर्धन बालक                                     र्ीरे-र्ीरे उसने ललखना भी िुरू

                रहता था | उसे पेट भरने के  ललए                                  कर ददया | उसे अपने ललखने पर
                कई तरह के  काम करने पड़ते थे |                                   बबलक ु ल भरोसा न था | वह

                इसललए वह ननयलमत स्क ू ल नह ं                                    इन्ह ं दोनों लड़को को ह  अपनी

                जा पाता था | उसकी स्क ू ल  लिक्षा                               रचनाएाँ ददखाता | वे लड़के  कभी
                ट ु कड़ो में होती रह , लेककन समय लमलने पर         उसकी रचना की तार फ़ करते, तो कभी मज़ाक
                वह ककताबें लेकर बैठ जाता और उन्हें पढ़ने की       उड़ाते | उसने अपनी कहाननयों को छपने के

                कोलिि करता क ु छ न समझ आने पर भी वह              ललए भेजना िुरू ककया | उसकी कहाननयााँ

                पढ़ता रहता |वह अपने जैसे दो लड़कों के  साथ         अस्वीक ृ त होती रह ं, लेककन उसने दहम्मत न
                एक दड़बेनुमा कमरे में रहता था, जहााँ वे दोनों     हार  और एक ददन वह हआ जो उसकी कल्पना
                                                                                          ु
                बालक काम से फ ु सधत पाकर मनोरंजन में लग          से परे था | उसकी एक कहानी अख़बार में छप
                जाते, वह ं वह ककताबों में लगा रहता | कई बार      गई | इससे उसका आत्मववश्वास मज़बूत हआ |
                                                                                                           ु
                वे उसे छेड़ते हए कहते, “अरे काम से थक             कफर उसकी कहाननयााँ छपती रह ं और उसे
                              ु
                हारकर व्यक्तत का मन करता है कक वह घूमे-          संपादकों और पाठकों से प्रिंसा व सम्मान

                कफरे, अच्छा खाना खाए लेककन तुम तो ककताब          लमलता रहा | आज उसी बालक को दुननया
                उठाकर बैठ जाते हो |”                             चाल्सध डिक ें स के  नाम से जानती है

                एक ददन उनमें से एक लड़का व्यंग्य करते हए                                       By-प्रणव लमश्रा
                                                           ु
                बोला, “लगता है यह इन ककताबों के  माध्यम से                                       कक्षा-सात

                ह  इनतहास रचेगा |”दोनों की बातें सुनकर वह
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