Page 70 - Tidings 2018-19
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मेरी पहली रेल यात्रा
ककसी भी यात्रा का एक अपना अलग ह सुख है |
बहत से लोगों को यात्रा करना पसंद है ककसी को
ु
रेल यात्रा, ककसी को हवाई यात्रा और ककसी को
जल यात्रा | मेर पहल रेल यात्रा बहत ह यादगार
ु
रह तयोंकक मेर पहल रेल यात्रा ने रोमांच के साथ
-साथ मुझे एक ऐसा लमत्र भी ददया जो आज भी
मुझे वप्रय है | मेर पहल रेल यात्रा 2010 में हई,
ु
उस समय मैं प्रथम कक्षा में पढ़ती थी | मैं अपने हम सबने साथ बैठकर भोजन ककया रेलगाड़ी की
छ ु क-छ ु क सुनकर मुझे बहत आनंद आ रहा था
ु
पररवार के साथ गरमी की छ ु ट्दटयों में चेन्नई गयी
बाहर की हररयाल देखकर भी बहत मज़ा आ रहा
ु
थी | हम लोग स्टेिन बहत जल्द पहाँच गए थे
ु
ु
था | मेर पहल रेल यात्रा बहत ह आनंददायक थी
और दटकट खर दा | हमार गाड़ी को प्लेटफॉमध न. ु
| मैं पुनः छ ु ट्दटयों का इंतज़ार करती हाँ ताकक मुझे
१२ पर आना था | रेलगाड़ी के आने के बाद, हम ू
कफर से रेल से यात्रा करने का अवसर लमले |
लोग अपने डिब्बे में चढ़ गए और अपनी-अपनी
सीट पर आरामपूवधक बैठ गए | मेरे सामने वाल
यक्श्वता राव पवार
सीट पर एक लड़की बैठी थी वह भी चेन्नई जा रह
कक्षा-५’बी’
थी | हम-दोनों में बातें करते-करते दोस्ती हो गई
Khushi M R, Class I B