Page 22 - RISE JANUARY 2024
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चतुर ई



                                                          ं
                                                  ै
                              एक बार की बात ह, एक जगल में एक लोमड़ी रहती थी। र्ह बहत ही चतुर
                                                                                                 ु
                                                                                        े
                        थी। र्ह हमशा दूसरों को धोखा दकर अपना काम तनकाल लती थी। एक ददन,
                                     े
                                                           े
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                   लोमड़ी जगल में घूम रही थी। तभी, उसन एक खरगोश को दखा। खरगोश बहत ही
                             ं
                                                                                   े
                                                                                                    ु
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         भोला-भाला था। लोमड़ी न सोचा फक इस खरगोश को मैं आसानी स धोखा द सकती हँ ।लोमड़ी
                                                                                                   ू
                                                                     े
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         खरगोश क पास गई और बोली, "खरगोश भाई, क्या तुमन सुना ह फक जगल में एक अद्भुत ि ू ल
                                                                             ै
         खखला ह? र्ह ि ू ल बहत ही सुदर ह और उसक पास जादू की शजक्त ह। जो भी उस ि ू ल को
                                                                                  ै
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         दखता ह, र्ह हमशा क शलए सुदर हो जाता ह।"
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         खरगोश न लोमड़ी की बात सुनी और उस वर्श्र्ास हो गया। र्ह बोला, "सचमुच? मैं भी उस ि ू ल
         को दखना चाहता हँ।"
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         लोमड़ी बोली, "मैं तुम्हें उस ि ू ल क पास ल जाऊगी। लफकन तुमको एक शतव माननी होगी। तुम्हें
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         रास्ते में फकसी स बात नही करनी ह।"
                                               ै
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                                                                                े
                                                             ं
         खरगोश न शतव मान ली। लोमड़ी और खरगोश जगल में चलन लग। रास्ते में, एक बंदर ने उनको
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                                                    ँ
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         दखा। बंदर न खरगोश स पूछा, "तुम कहा जा रह हो?"
         खरगोश ने कहा, "हम एक अद्भुत ि ू ल को दखन जा रह हैं।"
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         बंदर ने कहा, "सचमुच? र्ह ि ू ल कहा ह?"
                                                  ै
                                               ँ
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         खरगोश न लोमड़ी की शतव को भूलकर बंदर को सारी बात बता दी। बंदर खुश हो गया। उसन
                                                                                                           े
         सोचा फक मैं भी उस ि ू ल को दखकर हमशा क शलए सुदर हो जाऊगा।
                                                                   ं
                                                                              ँ
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         बंदर खरगोश और लोमड़ी क पीछ-पीछ चलन लगा। जब र्ह तीनों ि ू ल क पास पहँचे, तो लोमड़ी
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                                                                                      े
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         न खरगोश को ि ू ल क पीछ छ ु पा ददया और खुद आग तनकल गई।
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                                                                                                                े
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         बंदर लोमड़ी को ि ू ल क पास दखकर खुश हो गया। र्ह ि ू ल को तोड़न ही र्ाला था फक लोमड़ी न
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         उस रोक ददया। लोमड़ी ने बंदर स कहा, "तुम पहल मुझे बताओ फक तुम इस जगल में फकसक
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                                                              े
         शलए काम करते हो?"
         बंदर ने कहा, "मैं इस जगल क राजा क शलए काम करता हँ।"
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                                  ं
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         लोमड़ी बोली, "तुम राजा स कहो फक मैं तुम्हारी जान बचान आई हँ।"
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                                                                       े
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