Page 23 - RISE JANUARY 2024
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बंदर न राजा स लोमड़ी की बात बताई। राजा न लोमड़ी को बुलर्ाया। लोमड़ी न राजा को बताया
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फक बंदर न उस खरगोश को मारन की कोशशश की थी। राजा न गुस्स में बंदर को कद कर ददया।
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खरगोश खुश हो गया। र्ह लोमड़ी को धन्यर्ाद दन लगा। लोमड़ी बोली, "तुमन मरी शतव तोड़ दी
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थी। लफकन मैंन तुम्हें इसशलए बचाया क्योंफक मैं तुम्हारी चतुराई स प्रभावर्त हई हँ।"
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खरगोश ने लोमड़ी स कहा, "मैं हमशा स तुम्हारी
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चतुराई स प्रभावर्त रहा हँ। आज तुमन मुझे र्ास्तर्
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में ददखा ददया फक तुम फकतनी चतुर हो।"
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लोमड़ी और खरगोश दोस्त बन गए। र् दोनों हमशा
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साथ रहते थे और एक-दूसर की मदद करते थ।
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कहानी का नैततक:
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• चतुराई हमशा कामयाबी नही ददलाती ह।
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• कभी-कभी, सरलता भी चतुराई स अगधक कामयाब होती ह।
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Ajay Kumar
Hindi Dept (Middle boys)
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