Page 32 - Microsoft Word - complete combined PRE FINAL - NEW
P. 32

े
           उिचत अवसर स सुनीता बनी डॉ टर –





                      े
                                  े
                                                                                   े
           िद ली क एक छोट से िह से म  एक प रवार रहता था । उनक प रवार म  क ु ल 4 सद य

                                             े
           रहते थे । सद य  म से उनक दो ब चे थे । एक लड़का िजसका नाम राम था एवं एक
           लड़क  िजसका नाम सुनीता था। सुनीता अपने भाई से बह त  यादा अ छी पढ़ाई करती


                                                               े
           थी । उनका प रवार बह त गरीब था । उसक माता-िपता बड़ी मुि कल से उनक  पढ़ाई

           करवा रहे थे । इस कारण समाज क लोग उ ह  बह त भला बुरा कहते थे । वे कहते थ िक
                                                    े
                                                                                                              े
                                                          े
           बेटी को  य  पढ़ाना, बेटी को तो दसर क घर पर ही जाना होता है तो उस पर इतना
                                                             े
                                                       ू
                                                               े
                                                                                                                  े
           खच  करने का  या फायदा । लेिकन उसक िपता यह बात एक कान से सुनकर दसर
                                                                                                               ू
           कान से िनकाल देते थे।




           वह यह सब सुनकर घर चला जाता है । लेिकन एक िदन यह सब बात  उसक  बेटी


           सुनीता ने सुन ली। वह रोने लगी और वह कहती है िक म  अपने माता-िपता को राजा-


           रानी क  तरह रखूगी । साथ ही पूर समाज क  सोच भी बदल कर रख दंगी । यह बात
                                                    े
                                ं
                                                                                                  ू
                                                                                         े
           सोच कर वह वहां से चली जाती है । ऐसे क ु छ समय बीत जाने क बाद वह बड़ी होकर

           अपने पैस  से पढ़ाई चालू रखती है और क ु छ समय बाद वह डॉ टर बन जाती है । वह


           बह त खुश थी  य िक अब वह अपने प रवार का खच  खुद उठा सकती थी । यह सब


                               े
           देखकर समाज क लोग  क  आंख  खुल गई ।अब वे भी अपनी बेिटय  को पढ़ाने लगे ।

           इसिलए कहते ह  लड़का हो या लड़क  दोन  है एक समान कोई नह  िकसी से कम।


           मोनू क ु मार क ा – 9 c
   27   28   29   30   31   32   33   34   35   36   37