Page 22 - AUGUST 2020HTML
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तनाव प्रिंधन एवं मानत्सक ्वा््थय
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तनार यानी सट्स होता कया है,यह डॉ अच्वना शमा जो की एक नदाकनक उनकी बात और उनक
मनोकचककतसक हैं उनहोंन बहुत ही तरीक से समझाया की आकखर सट्स है वयरहार ,उनकी गलती।
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कया और इसकी रजह कया है ,सट्स या तनार यह तब होता है जब हमार कभी कभी हम उनकी
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कदमाग पर प्रशर तो हो लककन उस प्रशर को कम करन क कलए कोई सोस्व गलकतयों की रजह से
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या कोई माधयम न हो। खुद को दुखी करत हैं
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कई मामलो में यह जरुरी भी है कयों ,कयूंकक अगर तनार न हो ककसी काम कडप्रस हो जात हैं ,जो की
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को करन का प्रशर न हो तो हम आलसी हो जात है। और हम तनार से गलत है।
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जूझ रहे होत है और हमे मालूम भी नहीं होता ,जब हम छोटी छोटी बातों टाइम मैनजमेंट: समय का सही उपयोग करन से भी, सट्स से पीछा छुड़ा
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पर कचढ़न लगत है ,झगड करत है ,बचैनी होती है या जब हम बहुत ज़यादा सकत हैं , कयों न हम ऐसे टाइम मैनज कर की क ु छ घंट हमें कचंता करना हो
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थकान महसूस करत हैं ,जब की हमन क ु छ ककया भी न हो, तब हम तनार ,ऐसा करन से भूल जायगे की हमे सोचना कब था ।
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में होत हैं । लक्यों का कनिारण याकन गोल सेट करना अपन टाइम को ऐसे सेट कर की
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तनार हीं हमार कचंता करन की रजह है और तनार क रजह से हीं कई बार हमें एक काय को पूरा करना है तो रह पूरा घंटा कसफ उसी काय को दें।
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हम कडप्रशन में चल जात हैं। आजकल क युथ में तनार की सबसे बड़ी पेरफ़कशकनज़म को अरॉयड कर। ें
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रजह है उनका फ़ोन और कई बार सोशल मीकडया भी है ,और हम तब रफ्कमंग,अपनी नगेकटर कथंकक ं ग को चैलज करना और पॉकजकटर से्फ टॉक
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भी कडप्रशन में जात है जब कोई हमारा साथ नहीं देता और कोई हमें समझ और कबहेकरयरल सट्टजीज से हम सट्स को कम कर सकत हैं। कफकजकल
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नहीं सकता। लककन कया हम ककसी को पूरी तरह से समझ सकत है कया एकसरसाइज ,ब्ीकथंग ,समाइल एंड लाफ ररलकसेशन जैसे उपाईयों से हम
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यह मुमककन है ककसी को पूरी तरह से समझना ,छोटी छोटी बातों पर कचंता तनार कडप्रशन और अपन मानकसक सरास्थय को ठीक रख सकतें हैं।
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करना ,ककसी से अपनी बातों को शेयर न करना हमे अंदर ही अंदर से तनार
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से भर देता है। खान का भी इसमें बहुत महतर है ,समय पर खाना ,समय पर सोना,इसका
मतलब है पूरी नींद लना रो़ि हीं ,जैसे कदन ४ या ५ घंट एकसट्ा सो जात हैं
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एक साइककल जो कचंता करन रालों क कलए है रह है ,पहल हम कचंता यह भी बहुत गलत है एक या दो घंट एकसट्ा सोन में कोई बुराई नहीं लककन,
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करत हैं कफर हमे पैकनक अटक भी आजात है, कफर हम दूसर अटक की चार और पांच घंट हमार शरीर को कम़िोर बना देत हैं और सट्स का कारण
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कचंता करन लग जात हैं ,कफर और कचंता और कफर एक अटक कफर और भी बनत हैं। अगर हम समय पर खाएं और अचछा खाएं तो भी फक पड़ता है
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ज़यादा डर और कफर कचंता बस कफर इसी तरह से यह साइककल जारी रहक जैसे करटाकमन बी १२ और करटाकमन डी की कमी भी एक रजह है कडप्रशन
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हमें कडप्रशन में ल जाता है। कई बार हम अपन दोसतों को बतात हैं और की कयूंकक यह दोनों सट्स पैदा करन राल होमवोनस को मारत हैं। साथ हीं
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घररालों को भी लककन उनका कहना यह होता है की यह छोटी मोटी बात ें साथ जो लोग कडप्रशन क कशकार होत हैं रह जयादा से जयादा चॉकलट
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हैं सबको होती हैं,और ज़यादा कचंता करन की ़िरूरत नहीं है ,कोई हमें डरा और कोक््रंक खात हैं , कयूंकक कफीन और गलूको़ि जो की इनमे मौजूद
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भी देत हैं की पैकनक अटक हाट अटक में भी बदल सकता है लककन यह होत है रह ताकत देत हैं।
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कसफ रहम है कयूंकक कचंता और तनार कभी जान नहीं लेत हैं।
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और जो क ु छ लोग ्रगस अ्कोहल और से्फ मेकडकशन लत हैं रह खुद
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अब इसे दूर कसे करत हैं,सबसे पहली बात जो हमन सीखी और जानी रह को बीमार करत हैं ,कयूंकक यह कसफ और कसफ क ु छ समय क कलए आपको
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यह थी की,” इट इ़ि नॉट दी सट्स दैट कक्स , इट इ़ि आरर ररएकशन सट्स से दूर कर सकत हैं। और अगर हम सट्स से पहल ही लड़ ल उसे सही
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ओरर इट”,जो ची़िे हमारी बस में होती हैं हम उसे तो क ं ट्ोल कर हीं समय पर खतम कर दें तो शायद दराइयों की भी ़िरूरत नहीं पड़गी।
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सकत हैं जैसे हमार शबद, हमार काय ,हमारी सोच और हमारा वयरहार।
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कोरोना जैसी महामारी क कबच हम अपनों से कमल भी नहीं सकत, इसकलए
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जो हमार बस में नहीं हैं उनहें हम रोक भी नहीं सकत और सबसे बड़ी ची़ि इस रक़त हमे खुद को समझकर काम करना होगा। कयूंकक इस रक़त सट्स क
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की हमें उसपे धयान नहीं देना चाकहए ,जैसे दूसरों की सोच, उनक शबद, काफी रजह है, लेककन उनहें क ं ट्ोल करन क भी काफी तरीक हैं ।
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22 Vidya Shodh Patrika August , 2020