Page 26 - AUGUST 2020HTML
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         सहत ...


                      राक्षसरी ्नान! कहीं आप भरी तो नहीं करत,
                                                                                               े


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                             हो जाएं सावधान, िदल ल आदत






































                कहं      दू संसकृकत में सनान का बड़ा महतर है। साल भर  िम्व ग्रंथों में मुकन सनान को सरवोत्तम बताया गया है। रहीं देर सनान

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                         में कई ऐसे खास कदन आत हैं, जब लोग मोक्ष की
                                                              उत्तम है। मानर सनान को सामानय बताया गया है और राक्षसी
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                         कामना क साथ पकरत् नकदयों में डूबकी लगात हैं।
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                                                                        े
                                                              हमें हर कसथकत में सुबह 8 बजे तक सनान कर लेना चाकहए।
               बहरहाल, घर में सनान का भी महतर बताया गया है। सभी जानत  े  सनान को कनरि करार कदया गया है। इसीकलए कहा जाता है कक
               हैं कक शरीर की सरचछता क कलए रोज नहाना चाकहए, लककन      त्जतनरी जलदरी ्नान, उतना िड़ा फल
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               ककस समय सनान करना है, यह भी उतना ही अहम है।
                                                              हर सथान का अलग-अलग फल या प्रभार है। यानी कजतनी ज्दी
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               हमार िम्व ग्रंथों में इस बार में सपष्ट बताया गया है और सुबह क   सनान करगे, उतना बड़ा फल कमलगा। मुकन सनान करन से घर में
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               सनान को चार उपनाम कदए हैं। य नाम हैं - मुकन सनान, देर सनान,   सुख-शांकत ,समृकद, करद्ा, बल, आरोगय आता है। रहीं देर सनान
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               मानर सनान और राक्षस सनान।
                                                              से जीरन में यश, कीकत, िन-रैभर, सुख, शाकनत, संतोर आता
                                                                               ्व
               मुकन सनान सुबह 4 से 5 बजे क बीच ककया जाता है। रहीं देर  है। जो लोग मानर सनान करते हैं, उनहें काम में सफलता, भागय,
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               सनान का समय सुबह 5 से 6 बजे क बीच का है। 6 से 8 बजे क  अचछे कमचों की सूझ, परररार में एकता कमलती है। रहीं जो लोग
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               बीच मानर सनान करत हैं। इसक बाद सनान करन रालों को राक्षस  राक्षसी सनान करते हैं कक उनहें जीरन में दररद्रता, हाकन, कलेश,
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               बताया गया है।                                  िन हाकन का सामना करना पड़ता है।
              26  Vidya Shodh Patrika  August , 2020
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