Page 103 - Sanidhya 2025
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निदाव्यांगतय एका अलिभशापु �हींं
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सीसीार मेंं कछ ऐसीे लाोग भाी हुए ह जीो शारीरिरक रूपी सीे अक्षमें
थाे, किकन्तु उन्हेोंनोंे अपीनोंी अक्षमेंता को कभाी अपीनोंे मेंागि मेंं बा�ा
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नोंहीं बनोंानोंे किदयाा। कई लाोगों नोंे किदव्याांग होते हुए भाी ऐसीे कायाि जी. श्रीीदि�वंासीा रावं
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किकए ह जीो सीा�ारण व्यास्तिक्त क किलाए भाी प्रेरणा स्त्ोत ह। ं टीी. जीी. टीी (किहदी)
सीी आर पीी एफ पीस्तिब्लैक स्कृला
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इ�म सी कछू प्रमख कं जा� :
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सी�ा चद्र�
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सी�ा चाद्रीनों भाारत की प्रकिसीद्दे नोंूरत्याांगनोंा एवां अकिभानोंत्राी ह, एक
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दघिटीनोंा मेंं एक पीैर गवाां दनोंे क बाद भाी सी�ा चाद्रीनों नोंे किहम्मूत
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नोंहीं हारी और नोंत्या क क्षत्रा मेंं लागातार आगे बढ़ाती रही।
रदिवंन्द ज�
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सधीं चीद्रीनां रजिवेन्द �नां
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रकिवान्द जीनों किहदी किसीनोंमेंा क एक सीगीत कार रह जीो जीन्म सीे
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दृकिष्टहीनों थाे। वाे में�ुर �ुनोंों क सीजीिक होनोंे क सीाथा गायाक भाी रह।
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अरुदिणमा दिसीन्हाा
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अरुकिणमेंा किसीन्हेा भाारत सीे राष्ट र ीया �र की पीवाि वाॉलाीबॉला
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स्तिखलााड़ी तथाा एवार� किशखर पीर चाढ़ानोंे वाालाी पीहलाी भाारतीया
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किदव्याांग ह।
स्टीीफ� हीॉदिकग
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�ीफनों हॉकिकग किवाश्व क सीबसीे प्रकिसीद्दे भाौकितक किवाद ह, इन्हेोंनोंे
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ब्रेह्मााण्ड क गढ़ा रहस्यो जीसीे ‘ब्लैैक होला’ आकिद पीर मेंहत्वपीणि
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किसीद्धांत किदए ह । आपीको याह जीानोंकार आ�याि होगा किक वाह नोंा
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तो बोला सीकते थाे नोंा ही अपीनोंे किकसीी अंग को किहलाा-ड्लाा सीकते
थाे। अरुजिणीमां जिसन्हें
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किदव्याांगता अकिभाशापी नोंहीं ह, आजी किदव्याांग लाोगों नोंे अकि�कांश
क्षत्राों मेंं सीफलाता पीाई ह, और उन्हेोंनोंे दसीरों सीे सीहारा लानोंे की
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जीगह दसीरों को सीहारा दनोंा शुरू कर किकयाा ह। किदव्याांग लाोगों
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क प्रकित हमेंारा दाकियात्व ह किक उनोंमेंं किनोंकिहत क्षमेंताओंं को
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पीहचाानों कर उन्हे किवाककिसीत करनोंे क किलाए प्रोत्सााकिहत कर तथाा
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प्रत्याेक �र पीर उन्हे प्यूार, सीमेंानोंता और सीम्मूानों द। उनोंक
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सीाथा वाही व्यावाहार कर जीो हमें दसीरों सीे चााहते ह।
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जीया किहन्द।
स्टेी�नां हीॉजिकांगाँ
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