Page 104 - Sanidhya 2025
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अनदेखाा फौौजीी
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ऐसीा फौजीी किजीसीका जीज्बाा और सीमेंपीिण किदखता नोंहीं ह। जीो उसीक शब्दो गवाि सीे भार होते ह, लाेकिकनों आखं इतज़ाार की नोंमेंी
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किबनोंा किकसीी तनोंख्वााह क ड्यूूटीी पीर 24 घटी तनोंात रहता ह, वाो किछपीा नोंहीं पीातीं।
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भाी किबनोंा किकसीी छट्टीी क याा मेंकिड्कला अवाकाश क l और वाो
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अ�दखा फौजीी याा आ�ा फौजीी कोई और नोंहीं बस्तिल्क हमेंार े सीकिनोंक की पीत्नीी हर किदनों एक अनोंदखा याुद्ध लाड़ती ह—
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फौजीी हीरो की अ�ाकिगनोंी ही ह l अकलापीनों का, अकिनोंकि�तता का और सीमेंाजी क सीवाालाों का।”कसीे
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अकलाे रह लाती हो, ड्र नोंहीं लागता क्या” l लाेकिकनों वाह टीटीती
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जीब कोई जीवाानों दश की सीीमेंा पीर ड्यूूटीी करता ह, तो वादी नोंहीं, क्योंनेकिक उसीे पीता ह किक उसीक सीाहसी पीर ही उसीक पीकित
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किसीफ उसीक शरीर पीर नोंहीं होती, उसीका आ�ा किहस्सोा घर पीर का हौसीलाा किटीका ह।
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भाी होता ह — अपीनोंी पीत्नीी क रूपी मेंं। वाह भालाे ही हकिथायाार नों वाह भालाे ही कमेंोफ्लााजी याकिनोंफ़ॉमेंि नों पीहनोंती हो, लाेकिकनों उसीक
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उठाए, लाेकिकनों उसीका सीाहसी, �याि और बकिलादानों, किकसीी भाी त्यााग, �याि और प्रमें की अदृश्य वादी हर पीला उसीक सीाथा रहती
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सीकिनोंक सीे कमें नोंहीं होतl l ह। याही वाजीह ह किक उसीे “आ�ा सीकिनोंक” कहा जीानोंा चााकिहए।
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उसीकी ताकत ही दश की ताकत ह। ै
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एक ओंर पीकित सीीमेंा पीर दश्मीनोंों सीे लाड़ रहा होता ह, तो दसीरी
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ओंर पीत्नीी घर मेंं हर मेंस्ति�ला सीे जींग लाड़ रही होती ह। वाह सीुबह भाारत की हर सीकिनोंक पीत्नीी, अपीनोंे पीकित क सीाथा-सीाथा पीर दश की
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उठते ही बच्चोों को स्कृला क किलाए तैयाार करती ह, बढ़ा मेंाता- रक्षा मेंं याोगदानों दती ह। वाह किसीफ जीीवानोंसीकिगनोंी नोंहीं, बस्तिल्क
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किपीता का ख्यााला रखती ह, घर की मेंरम्मूत, किबलाों का भाुगतानों, अदृश्य मेंोचाे की याोद्धा ह। उसीक बकिलादानों को सीलाामें करनोंा हमें
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और त्याोहारों की सीारी तैयाारिरयाा� अकलाे करती ह। उसीकी हर सीबका कतिव्या ह, क्योंनेकिक जीहा� एक जीवाानों सीीमेंा पीर खड़ा ह,
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मेंस्कृानों क पीीछ किछपीा होता ह एक गहरा इतज़ाार। जीब सीकिनोंक वाहा� एक “आ�ा सीकिनोंक” घर पीर भाी तनोंात ह। ै
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की पीत्नीी का फोनों बजीता ह, तो वाह किकसीी आमें कॉला जीसीा नोंहीं
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होता। वाह जीानोंती ह किक याह एक पीला क किलाए उसीका पीकित ह,
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जीो हज़ाारों मेंीला दर सीे उसीकी आवााज़ा सीनोंनोंा चााहता ह। इनों
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छोटीी-सीी बातचाीतों मेंं वाह अपीनोंे सीार दद, ड्र और किचाता को
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किछपीा लाती ह, ताकिक उसीक पीकित का मेंनोंोबला बनोंा रह। े
Smt. Sapna Sharma
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किदवाालाी क दीयाे हों याा होलाी क रग, कई बार याे खकिशयाा� अ�री W/o Rakesh Nautiyal, Cmdt
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रह जीाती ह। मेंोहल्लीे मेंं जीब सीब किमेंलाकर जीश्न मेंनोंाते ह, वाह 1st Signal Battalion
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अपीनोंे बच्चोों को सीमेंझीाती ह—
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“पीापीा दश की रक्षा कर रह ह, इसीकिलाए हमेंार सीाथा नोंहीं ह।”
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परि�वाार कल्यााण क ं द्र
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�हीं स� ही सवें कां सपुनां, े बच्चेो� कांी हीसी मा �ो गाँ�, े
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�हीं बटेते ही खंजिशयो� कां अपुनां । वेो इस कांद्री कांी माहीनांते बझा े
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हीर चीहीर पुर मास्कंनां लंतें, नांंरी सशक्त बनां हीर माोड़ पुर
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यही पुरिरवेंर कांल्यांणी कांद्री कांहीलंतें संथा दे य कांद्री हीर देौर पुर ।
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कि�रण सिं�ह
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मां बहीनांो कांी देखंभंल मा, ं हीर �ीवेनां मा उजि�यंरं लंए पत्नीी श्रीी सनीी सिंसंह
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हीर कांदेमा बढ सौम्य चींल मा | स्व� समां� कांी नांी�वे बनांंए ।।
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स्वं� पुोर्षणी, जिशक्षें कांी डोर चीलो �ड़ हीमा इस अजिभयंनां
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बंधीतें ही य सदेर ठौौर ।। बनां सहींरं हीर पुरिरवेंर कां ।
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टेीकांंकांरणी हीो यं सलंही कांी बंते सपुनांो� कांो अब सची बनांंए. �
यहीं जिमालतें ही हीर हींलंते पुंरिरवेंरिरकां कांल्यांणी कांद्री कांो अपुनांंए ।।
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