Page 100 - Sanidhya_2024
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सातिनध्या
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सोासिंनध्य �बा तीम्हाा�ा ह तीो �ीवन म उल्लाासो ह,
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नए सोपुन, नई मसिं�ल, नई उड़ानो काी आसो ह, ै
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हमा�ी प्रममयाी �गोलबादी काा नही काोई सोानी ह, ै
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दो कादम तीम्हाा� औ� दो म�, बासो इतीना ही प्रयाासो ह।।
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प्राकाहितका रूप स पदेाथ औरा ऊजीा काा बहिमसाल सयोग �ी जीीवाना काा मल /सारा �; औरा जीीवाना
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काी अभीष्ट्ता प्राप्त �ोती � काछू ऐस साहिनाध्यो स, हिजीनाका साथ �ोना का ए�सास मा� स �ी �म पलहिकात
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�ो, सम्पण ऊजीा एवा सामथ्यो का साथ हिनायोहिजीत लक्ष्ों काी प्रान्धिप्त कारा सका।
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जीीवाना प्रवाा� का देौरााना उक्त साहिनाध्य हिफेरा �ा� खबसरात ब�पना काी यादेों म हिसमटेी, ekaW–
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बाप, देादेा–देादेी, नाानाा–नाानाी, �ा�ा–�ा�ी, मामा–मामी, बआ–फेफेा आहिदे काी �लका �ो या हिफेरा पत्नीी – श्रीी प्रमोदे �ौ�राी, 2IC
बासिंबातीा कामा�ी
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हिकाशुोराावास्थाा म भाई–ब�नाों औरा सखी–स�हिलयों/ हिम�ों काा अल्हड़पना| 208 काोबराा, बालाघाटे, (मप्र.)
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जीवाानाी काी दे�लीजी परा राोम-राोम काो पलहिकात काराना वााल मासम प्रम काा ए�सास �ो या हिफेरा जीीवाना साथी
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सग हिमलकारा राोमा�का भहिवाष्य काी सपनाों औरा यथाथ स भराी या�ा....औरा नावा जीीवाना का सजीना काा अप्रहितम आनादे।।
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प्रौढ़ावास्थाा म अपक्षााओंं औरा कातव्यों काी कााटेो भराी डोगरा �ो या हिफेरा वाद्धावास्थाा काा शुाहित औरा सकाना भराा आन्धिखराी सफेरा....
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इस समस्त जीीवाना या�ा का देौरााना इना सभी काो आवाश्यकाता �ोती � अपनाों का साहिनाध्य काी ।।
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�ालाहिका सामान्य परिराकाल्पनाा स इतरा, जीब बात �ो पहिलस बलों म काायरात �मारा ब�ादेरा सरामाओंं औरा उनाका परिराजीनाों काी;
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तो साहिनाध्य का उक्त आयामों का हिवास्ताराीकाराण का साथ-साथ उन्हे नाए कालवारा म सजीोना औरा परिराभाहिर्षत काराना काी गभीरा आवाश्यकाता
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प्रतीत �ोती �।।
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इस �म म एका ओंरा �मारा जीाबाजी ज्यादेातरा समय अपना हिप्रयजीनाों स देरा रााष्ट् ी ीय सराक्षाा का ब�दे जीोन्धिखम भरा देाहियत्वों का
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हिनावा�ना म व्यस्त रा�त �, वा�ीं देसराी ओंरा हिकासी अना�ोनाी काी आशुकाा स परिरापण राोजीमराा का तनाावा औरा �नाौहितयों स यक्त वाातावाराण
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म बच्चोों काो पालती उनाकाी अ�ाहिगहिनाया इना देोनाो �ी पक्षाों काो नाा कावाल आवाश्यकाता � दृढ़ सकान्धिल्पत मानाहिसका औरा आपसी साहिनाध्य
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काी, अहिपत काायस्थाल/हिनावाास-स्थाल म हिवाभागीय व्यवास्थाा का अतगत प्रदेाना हिकाए जीाना वााल व्यवा�ारिराका, सामाहिजीका एवा मनाोवाज्ञााहिनाका
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सबल काी भी।।औरा इना सबस परा इस साहिनाध्य काी सवााहि�का आवाश्यकाता � �माराी उना वाीरा नाारिरायों औरा उना ब�ादेरा हिदेव्याग साहिथयों
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काो हिजीन्हेोंकिना कातव्य काी बहिलवादेी परा अपनाा सवास्वी न्यौछूावारा काराना म भी काोई हि��हिका�ा�टे ना�ीं हिदेखाई।।
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अत� वातमाना परिरादृश्य म �म एकाजीटे �ो अपना सभी ब�ादेरा साहिथयों औरा उनाका परिराजीनाों काो एका सवादेनाशुील बल, रााष्ट् ी ,
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समाजी औरा व्यन्धिक्त काी �हिसयत स उनाका सामाहिजीका, आहिथका औरा मानाहिसका हिवाकाास का हिलए आ�ाराभत ढोा� तयारा काराना काी, हिजीसस े
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वाो अपनाा आग काा जीीवाना स्वीावालबना, सम्मााना एवा आत्महिनाभराता का साथ जीी सका।।
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�ालाहिका इना सबका हिलए �म हिनारातरा प्रयत्नीशुील �, तथाहिप प्रयासों काी इस काड़ी काो औरा अहि�का सदृढ़ औरा हिवास्तारिरात हिकाए
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जीाना काी आवाश्यकाता �।।
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ती� च�ागो अलगो ह , म� च�ागो भाी काछो �दा,
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चलों अबा सोाथ सिंमलका� �ौशानी काो दोगोना का� द ||
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