Page 104 - Sanidhya_2024
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मातिहीलाा सशति�केराण
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“ य� �ाय्यस्�ु पूज्यन्�े रमन्�े �� देव�ा: |
य�ै�ास्�ु � पूज्यन्�े संवा्यस्�कला: निरिया: ||”
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�म सब औरात काो देवाी काा रूप मानात �, आत्महिवाश्वाास, अनाभवा रा�नाात्मकाता स परिरापण वाास्तहिवाकाता
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म य�ी एका औरात काी प��ाना �| पाराम्परिराका समाजी औरा �ारा देीवााराों तका सीहिमत रा�ना वााली औरा आजी
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देशु हिका रााष्ट् ी ीय आय म अपनाी भहिमकाा हिनाभा रा�ी �| महि�लाए आहिथका कााराणों का कााराण उद्योहिमता म ं
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प्रवाशु काराती � जीो उन्हे अपना देम परा आग बढ़ाती �| भारातीय महि�लाए, हिजीन्हे ब�तरा मानाा जीाता � ै
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लहिकाना वा समाजी म समाना भागीदेाराी ना�ी �| आई0 आई0 टेी0 हिदेल्लीी द्वााराा हिकाय गय सवाक्षाण का अनासारा
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सयक्त रााज्य अमरिराकाा औरा कानााडोा म छूोटे व्यवासाय काा एका हित�ाई महि�लाए �| एहिशुयाई देशुों म काल
कााय बल काा 40 प्रहितशुत हि�स्सेा महि�लाओंं काा �| भारात म महि�लाए अपना परिरावाारा स बहुत भावानाात्मका
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रूप स जीड़ी हुई �| घरा का कााम, बच्चोों परिरावाारा का सदेस्यों काी देखभाल काराना म व्यस्त रा�ती �| ऐस म हिसपा�ी/जीीडोी- अ�वनाा नारावारिराया
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101 द्रीुत कााय बल
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उनाका पास अपना हिलए काछू काराना काा समय का�ा ब�ता � | देसराी समस्या � �माराा परुर्ष प्र�ाना समाजी|
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महि�लाओंं का साथ परुर्षों का बरााबरा व्यवा�ारा ना�ी हिकाया जीाता �| व्यवासाय म उनाका प्रवाशु का हिलए परिरावाारा प्रमख काी मजीराी काी
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आवाश्यकाता �ोती �| पाराम्परिराका रूप स उद्योहिमता काो परुर्षों काी हिनागराानाी म राखा जीाता �| जीो महि�लाओंं का हिवाकाास म रुकाावाटे
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�| महि�ला साक्षाराता काो लकारा आकाड़ बदेल रा� � | भारातीय समाजीों म प्र�हिलत पराम्परााए औरा राीहित-रिरावााजी एका बो� बना जीात े
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�| भारात म महि�लाए स्वीभावा स कामजीोरा, शुमीली औरा सौम्य �| ऐस म हिशुक्षाा प्रहिशुक्षाण औरा हिवात्तीय स�ायता काी कामी उनाकाी
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क्षामता म कामीं कारा देती � | �हिका महि�लाए माकाकिहिटेग हिडो�ीब्याशुना औरा मनाी कालक्शना का हिलए इ�रा -उ�रा भाग देौड़ ना�ी कारा
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सकाती � | इसहिलए उन्हे आत्महिनाभरा बनााना काी आवाश्यकाता � लहिकाना इसका बादे भी उन्हेोंकिना समाजी म अपनाी प��ाना पा ली � |
माराी केहीानी
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“छूोटेी सी मराी का�ानाी �, �ारादेीवााराी म कादे ब�पना मराा,
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घघटे म छूपी जीवाानाी �| ै
मायकाा � स्कुल मराा, ससरााल एक्जााम �ॉल � |
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�ाड़, बतना, देोस्त � मरा, घरा सभालनाा मराा गोल �| ै
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घरा � आहिफेस मराा, रिराश्त मराी प��ाना �| ै
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समाजी काी ख़ुशुी का हिलए खदे काो हिकाया काबाना � |
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नहा वमा पुत्राी
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छूोटेी -सी मराी का�ानाी �, ै हिसपा�ी/ बाराबरा – सत्य नाारायण बनाकारा
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का�ानाी मराी, इस समाजी ना का�ा जीानाी � ?
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हिदेल म गम, औरा आखों म गम काा पानाी � |
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छूोटेी सी मराी का�ानाी � ||”
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