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मातिहीलाा सशतिक्तकेराण


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                                               “ यत्र �ाय्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देर्ता: |
                                              यत्रैतास्तु � पूज्यन्ते संर्ा्यस्तकला: निरिया: ||”

                                                                          े
                                                                                            ं
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              हैमु संब �ा�ी �ं �वाी �ा रूप मुा�त है, आत्मकिवाश्वासं, अ�भावा एवा �च�ात्म�ता सं परि�पण, वाास्तुकिवा�ता मु याहैी
                                                              ं
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              ए� मुकिहैला �ी पहैचा� है। पा�म्परि�� संमुाजा औ� चा� �ीवाा�ंं त� संीकिमुत �है� वााली �ा�ी आजा �शी  �ी �ाष्ट् ी ीया
                                                                                      े
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                                               ै
              आया मु अप�ी मुहैत्वपण भाकिमु�ा कि�भाा �हैी है। मुकिहैलाए आकिर्थ� संमुस्योाओंं एवा कि�जाी रूकिच � �ा�ण उद्यकिमुता
                                                         ै
                                                                       ं
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                                   ं
              मु प्रवाशी ��ती है तर्था उन्हो अप� �मु प� आग बढ़ााती है। भाा�तीया मुकिहैलाए, किजान्हो पजा�ीया तं मुा�ा जााता है  ै
               ं
                                                                            ं
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              लकि�� वा संमुाजा मु संम्माा� �ी भाागी�ा� �हैीं  है। आई0आई0�ी0 , कि�ल्लीी द्वाा�ा कि�ए गए संवाक्षण � अ�संा�
                                                                                            ु
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              संया� �ाज्य अमुरि��ा औ� ��ाडा मु छुं� व्यवासंाया �ा ए� कितहैाई किहैस्साा मुकिहैलाए है। एकिशीयााई �शींं मु �ल
                 ु
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                                                                              ं
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              �ाया बल �ा 40 प्रकितशीत किहैस्साा मुकिहैलाओंं �ा है। भाा�त मु मुकिहैलाए अप� परि�वाा�  सं बहुत भाावा�ात्म� रूप   सिंसोपुाही/�ीडोी- अचना न�वारि�याा
                                                                                                             श
                                                                                                     101 द्रुत �ाया बल
                                                                                                              ि
                                                                        े
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              सं जाड़ीी हुई है औ� घा� � �ामु, बच्चोंं एवा परि�वाा� � सं�स्योंं �ी �खुभााल ��� मु व्यस्तु �हैती है। ऐसं मु उ��
                                                        ै
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              पासं अप�  किलए �छु ��� �ा संमुया हैी �हैा बचता है। �सं�ी संमुस्योा याहै है कि�  हैमुा�ा संमुाजा परु� प्रधैा� है तर्था मुकिहैलाओंं � संार्थ
                      े
                                                 ं
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                                                                                    ु
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                                                ै
              परु�ंं � संमुा� व्यवाहैा� �हैीं कि�याा जााता है। व्यवासंाया मु उ�� प्रवाशी � किलए परि�वाा� प्रमुखु �ी स्वाी�कित �ी आवाश्य�ता हैंती है।
               ु
                                                                                                                े
              पा�म्परि�� रूप सं  उद्यकिमुता �ं परु�ंं �ी कि�ग�ा�ी मु �खुा जााता है, जां मुकिहैलाओंं � किवा�ासं मु बड़ीी बाधैा है। मुकिहैला संाक्ष�ता �ं  ल��
                                                                ै
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              आ�ड़ी ब�ल �है है। भाा�तीया संमुाजा मु प्रचकिलत प�म्प�ाए औ� �ीकित-रि�वााजा मुकिहैलाओंं � किवा�ासं �ं अवारुद्धा ��त  है। भाा�त मु मुकिहैलाए
                                                                               े
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                                                                                                            ं
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                                                                                                ि
                                                 े
                                                   ं
              स्वाभाावा सं �मुजां�, शीमुीली औ� संौम्य  है। ऐसं मु किशीक्षा, प्रकिशीक्षण औ� किवात्तीया संहैायाता �ा अभाावा उ��ी �ायाक्षमुता मु �मुीं �� �ता है  ै
                     े
                                             ं
                                                                                                      ं
                                        ू
                                   े
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                                               े
                                                             ं
              । किफ� भाी इ� �किठ�ाइयांं � बावाजा�, उन्होंंने� वातमुा� संमुाजा मु अप�ी ए� अलग पहैचा� ब�ा ली है। ै
                                                        माराी केहीानी
                                                           े
                                         “छुं�ी संी मु�ी �हैा�ी है, चा��ीवाा�ी मु �� बचप� मु�ा,
                                                             ै
                                                                                    े
                                                                        ं
                                                   े
                                                                          ै
                                                       ूँ
                                                            ं
                                                      घाघा� मु छुपी जावाा�ी है।
                                                                        ै
                                                              ु
                                                                                 ै
                                             मुाया�ा है स्कल मु�ा, संसं�ाल एक्जाामु हैॉल है ।
                                                                 ु
                                                       ू
                                                           े
                                                    ै
                                                              े
                                                                                   ै
                                                                    ं
                                           झेाड़ी, बत�, �ंस्तु है मु�, घा� संभााल�ा मु�ा गंल है।
                                                             े
                                                           ै
                                                   ि
                                                                            े
                                              ू
                                                                                ै
                                               घा� है आकिफसं मु�ा, रि�श्त मु�ी पहैचा� है।
                                                   ै
                                                            े
                                                                     े
                                                                   े
                                                                            ु
                                                          े
                                                      ु
                                           संमुाजा �ी ख़ुशीी � किलए खु� �ं कि�याा �बा� है ।            नहा वामा पुत्राी
                                                                                  ै
                                                                 ु
                                                                               ि
                                                                                                            श
                                                                                                       े
                                                                                                             ु
                                                                                                                  ु
                                                                                                किसंपाहैी/ बा�ब� – संत्यं �ा�याण ब���
                                                     छुं�ी -संी मु�ी �हैा�ी है, ै
                                                               े
                                                        े
                                                                     े
                                                                                ै
                                                �हैा�ी मु�ी, इसं संमुाजा � �हैा जाा�ी है ?
                                                                         ं
                                                     ं
                                                               ँ
                                                                    ं
                                                                                 ै
                                               कि�ल मु गमु, औ� आखुंं मु गमु �ा पा�ी है ।
                                                               े
                                                                        ै
                                                      छुं�ी संी मु�ी �हैा�ी है ।।”
                                                               125
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