Page 125 - Sanidhya 2024
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मातिहीलाा सशतिक्तकेराण
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“ यत्र �ाय्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देर्ता: |
यत्रैतास्तु � पूज्यन्ते संर्ा्यस्तकला: निरिया: ||”
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हैमु संब �ा�ी �ं �वाी �ा रूप मुा�त है, आत्मकिवाश्वासं, अ�भावा एवा �च�ात्म�ता सं परि�पण, वाास्तुकिवा�ता मु याहैी
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ए� मुकिहैला �ी पहैचा� है। पा�म्परि�� संमुाजा औ� चा� �ीवाा�ंं त� संीकिमुत �है� वााली �ा�ी आजा �शी �ी �ाष्ट् ी ीया
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आया मु अप�ी मुहैत्वपण भाकिमु�ा कि�भाा �हैी है। मुकिहैलाए आकिर्थ� संमुस्योाओंं एवा कि�जाी रूकिच � �ा�ण उद्यकिमुता
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मु प्रवाशी ��ती है तर्था उन्हो अप� �मु प� आग बढ़ााती है। भाा�तीया मुकिहैलाए, किजान्हो पजा�ीया तं मुा�ा जााता है ै
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लकि�� वा संमुाजा मु संम्माा� �ी भाागी�ा� �हैीं है। आई0आई0�ी0 , कि�ल्लीी द्वाा�ा कि�ए गए संवाक्षण � अ�संा�
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संया� �ाज्य अमुरि��ा औ� ��ाडा मु छुं� व्यवासंाया �ा ए� कितहैाई किहैस्साा मुकिहैलाए है। एकिशीयााई �शींं मु �ल
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�ाया बल �ा 40 प्रकितशीत किहैस्साा मुकिहैलाओंं �ा है। भाा�त मु मुकिहैलाए अप� परि�वाा� सं बहुत भाावा�ात्म� रूप सिंसोपुाही/�ीडोी- अचना न�वारि�याा
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101 द्रुत �ाया बल
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सं जाड़ीी हुई है औ� घा� � �ामु, बच्चोंं एवा परि�वाा� � सं�स्योंं �ी �खुभााल ��� मु व्यस्तु �हैती है। ऐसं मु उ��
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पासं अप� किलए �छु ��� �ा संमुया हैी �हैा बचता है। �सं�ी संमुस्योा याहै है कि� हैमुा�ा संमुाजा परु� प्रधैा� है तर्था मुकिहैलाओंं � संार्थ
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परु�ंं � संमुा� व्यवाहैा� �हैीं कि�याा जााता है। व्यवासंाया मु उ�� प्रवाशी � किलए परि�वाा� प्रमुखु �ी स्वाी�कित �ी आवाश्य�ता हैंती है।
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पा�म्परि�� रूप सं उद्यकिमुता �ं परु�ंं �ी कि�ग�ा�ी मु �खुा जााता है, जां मुकिहैलाओंं � किवा�ासं मु बड़ीी बाधैा है। मुकिहैला संाक्ष�ता �ं ल��
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आ�ड़ी ब�ल �है है। भाा�तीया संमुाजा मु प्रचकिलत प�म्प�ाए औ� �ीकित-रि�वााजा मुकिहैलाओंं � किवा�ासं �ं अवारुद्धा ��त है। भाा�त मु मुकिहैलाए
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स्वाभाावा सं �मुजां�, शीमुीली औ� संौम्य है। ऐसं मु किशीक्षा, प्रकिशीक्षण औ� किवात्तीया संहैायाता �ा अभाावा उ��ी �ायाक्षमुता मु �मुीं �� �ता है ै
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। किफ� भाी इ� �किठ�ाइयांं � बावाजा�, उन्होंंने� वातमुा� संमुाजा मु अप�ी ए� अलग पहैचा� ब�ा ली है। ै
माराी केहीानी
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“छुं�ी संी मु�ी �हैा�ी है, चा��ीवाा�ी मु �� बचप� मु�ा,
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घाघा� मु छुपी जावाा�ी है।
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मुाया�ा है स्कल मु�ा, संसं�ाल एक्जाामु हैॉल है ।
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झेाड़ी, बत�, �ंस्तु है मु�, घा� संभााल�ा मु�ा गंल है।
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घा� है आकिफसं मु�ा, रि�श्त मु�ी पहैचा� है।
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संमुाजा �ी ख़ुशीी � किलए खु� �ं कि�याा �बा� है । नहा वामा पुत्राी
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किसंपाहैी/ बा�ब� – संत्यं �ा�याण ब���
छुं�ी -संी मु�ी �हैा�ी है, ै
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�हैा�ी मु�ी, इसं संमुाजा � �हैा जाा�ी है ?
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कि�ल मु गमु, औ� आखुंं मु गमु �ा पा�ी है ।
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छुं�ी संी मु�ी �हैा�ी है ।।”
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