Page 18 - Sanidhya_2024
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किशीक्षा हैतु स्माा� बंडो �ा किवात�ण कि�याा गयाा। �ावाा �ी “मुुस्का� � स्मााईल” यांजा�ा � अंतगित कि�व्यांग बच्चोंं �ं व्हीील चया� �ा
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किवात�ण कि�याा गयाा तर्था संमुया-संमुया प� बल � शीहैी�ंं � परि�वाा�ंं �ं किवात्तीया संहैायाता प्र�ा� �ी गई।
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याहै खुुशीी �ी बात है कि� �ावाा अप�े वााकि�ि� �लंड� � अ�संा� बल � परि�वाा�ंं वा बच्चोंं � किलए �ायािक्रमु आयांकिजात ��वाा �हैी है ै
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किजासंमुं �लीमुकिडकिसं� ��स्था स्वाास्थ् �ी �खुभीाल मुं उन्नकित औ� च�ौकितयााँ, मुकिहैला स्वाास्थ्, आकि�किफकिशीयाल इ�किलजासं औ� संमुाजा प�
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इसं�ा प्रभीावा, �ी अन्न चमुत्काा�ी अ�ाजा, लनेकिग� संमुा�ता औ� मुकिहैला संशीक्ति���ण, किडजाी�ल याुग मुं संाइब� सं�क्षा, ऊंजाा संं�क्षण,
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यांग एवां प्रा�कित� किचकि�त्साा एवां किवात्तीया संाक्ष�ता जासंे किवा�यांं प� व्याख्याा� �ृंखुला �ा आयांजा� इत्यंाकि� प्रमुुखु है।
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मुुझेे याहै जाा��� प्रसंन्नता हुई है कि� आप संभीी � संतत प्रयाासंंं औ� संहैयांग � चलते �ावाा इत�ी संकिक्रया हुई है कि� जावाा� मुुक्ति�ल
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हैालात मुं भीी अप�े परि�वाा�ंं वा बच्चोंं �ी ओं� संे किचतामुु� �है�� अप�े �तिव्यंं �ा संफलतापवाि� कि�वािहै� �� �है है। ं
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अंत मुं, मुं आप संभीी �ं शीभी�ामु�ाए �ती हूँ औ� संंपा�� मुण्डल तर्था इसंसंे प्रत्यंक्ष एवां अप्रत्यंक्ष रूप संे जाड़े संभीी सं�स्योंं द्वाा�ा कि�ए
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गए अर्थ� प्रयाासंंं �ी भीूरि�-भीूरि� प्रशीसंा ��ते हुए इसं संंस्क�ण � संार्थि� एवां संफल प्र�ाशी� �ी बर्धाई �ती हूँ। ँ
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रि�मसिं�म सिंसोह
अध्यक्षाा,
सी.आरा.पी.एफे. काल्यााण सस्थाा
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