Page 27 - RISE_JUNE_2024
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तर आचल की छाव म,
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हर सपिा साकार हुआ।
तर नबिा जीवि अधरा,
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तर नबिा हर खशी अधरी।
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ति नसखाया जीवि का मतलब,
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तर नबिा सब सिा लगता।
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तर साथ हर खशी ह मरी,
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तर नबिा हर खशी अधरी।
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तर नबिा म कछ भी िहीं।
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मा, त ह मरी शस्टक्त,
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तरी ममता का कोई मोल िहीं,
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तर नबिा य जीवि कछ भी िहीं।
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तर नबिा सब कछ ह अधरा।
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ति नसखाया हम चलिा,
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तर आशीवाद स हमि सब कछ ह पाया।
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तरी गोद म सकि ह सबस प्यारा,
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तर नबिा हर खशी ह अधरी।
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ति सहा हर दुख नबिा कछ कह,
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तर नबिा य दुनिया लगती ह बजर।
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मा, तर प्यार का धन्यवाद आज और सदा,
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तझ लाखों सलाम, हृदय स। मा,तर नबिा य जीवि कछ भी िहीं।
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Mrs. Zubeena Parveen
Hindi Department