Page 22 - RISE_JUNE_2024
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मा बाप स बिकर दुनिया, म िही कछ और।
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इिक ही चरणों म, बसत चारों धाम।
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करक इिकी सवा, पण्य कमा लो तुम।
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औलाद होि का भी फज निभा दो तुम ।
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अपिा सब कछ, लगा नदया बच्ों पर हमि ।
मा- बाप होि का फज निभा नदया हमि।
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नजतिा कर सकत थ, उतिा नकया हमि
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और अपि बच्ों को कानबल बिा नदया हमि।
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अब बारी ह बच्ों की, खॎया वो करत ह।
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अपि औलाद होि का फज निभात ह,
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या दुनिया की चमक म ,वो खो जात ह।
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कर ि सक यनद तम, मा-बाप की सवा,
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तो हाल तम्हारा भी हमार जसा ही होगा।
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य चक्र दुनिया का, बच्ों! आग भी चलगा,
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तरी करिी का फल तमको भी नमलगा।
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रखिा य पत्र, बच्ों! तम बहुत सभालकर।
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याद आयग मा-बाप तम्ह उस वक्त।
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य सब होगा बच्ों तम्हार साथ जब ।
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Shiza Fatima
(7B)