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द ण पि चम रलवे 14 ई- ितिबब
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ह बि ल मंडल
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अि नपथ पापा : एक अ वतीय श द
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रलपथ और वाहन पथ,
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माँ क सर का ' सदर' ह, पापा
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ह बन गया सब अि नपथ, माँ क माथे क ' बद ' ह, पापा
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अब चल पड़ ह सारे वजय, माँ क चेहर क 'म कान' और
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लकर शपथ, लकर शपथ ।। 'रौनक' ह, पापा
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माँ क हाथ म खनकत 'कगन' ह,
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वो चल रह ह अनवरत,
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पापा मर पापा......
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लकर साथ अपने सर पर,
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माँ क पर म छम छम करती 'पायल' ह, पापा
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बोझ िज मदा रय क अन गनत, माँ क आख का 'सरमा' ह, प पा
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य पट भी भख क ,
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वाला स रह ह, हाहाक, माँ क इ ज़त और वजद ह, पापा
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माँ क साड़ी का 'रग' ह, पापा
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शर र पसीने स तर ह, ै
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और पर लह स लथपथ।।
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माँ क गल का 'मंगल स ' ह, पापा मर पापा...
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रलपथ और वाहनपथ, मर आन, बान, शान ह, प पा
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सब बन गया ह अि नपथ।। मरा अ भमान और पहचान ह, प पा एक बात कहँ।
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बखर गय ह कतने सपने, म रो वन राजा बटा तो 'बादशाह' ह, पापा
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चलती राह म छटे ह , दो व त क 'रोट ' मलने क वजह ह, पापा
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मर प पा......
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िजनक प रजन अपने,
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खद च पल न खर द ल कन मझ दलवाने वाल ह,
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रोजगार क जाने का,
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पापा
अलग ह मलाल ह, ै
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थक जाने पर भी म करा क कहत, म ठ क हँ बेटा।
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कोरोना ने जाने या,
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कर दया य हाल ह, ै दो व त क रोट क लए सबह 8 बज घर स नकल
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ई वर ने भी य , जाने वाल ह, पापा
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पस न हो फर भी ज म दन पर सर ाइज ग ट लक
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फर कर अपनी आख, े
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आने वाल ह, पापा मर पापा....
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इसान को दया ह,
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जाने य कसा सबक।। कपड़ चाह खद पर न हो, ल कन हम कपड़ े दला कर
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रईस क तरह रखने वाल ह, प पा मर पापा
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रलपथ और वाहन पथ,
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ह बन गया सब अि नपथ,
रो वन सोनी
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अब चल पड़ ह सारे वजय, श ु तकनी शयन
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करक शपथ, करक शपथ ।।
वसइजी/ व यत/वा को-दा-गामा
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काल चरण कमार
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लगज पोटर/गदग
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दव े नागरी विन शा क ि स े अ यंत व ै ािनक िलिप ह। ै
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-रिवशकर श ल