Page 16 - Epatrika2020 KV2 AFA DUNDIGAL HYD
P. 16

-3-

गम                              -मुकश राज ू
                                    10व ‘ब’ 
गम क िदन बड़ा सतात।े  
पसीने से तरबतर हो जाते।।          रोल न:36
सरू ज हो रहा बरे हम। 
कह खेलने जाए हम।।                               
तप रह ह यह धरती। 
सूखी नद आह भरती।। 
कु का आया जमाना। 
शरबत को भी आजमाना।। 
आम फल का ह सरताज। 
गम म इसका ह राज।। 
पानी तो अब लगे ह ारा। 
एसी कू लर बन गया ारा।। 
हमको तो बस यह ह कहना। 
ओ गम तुम दूर ह रहना ।। 
 

                                 
   11   12   13   14   15   16   17   18   19   20   21