हे मातः ! मातः! म् ससं ार ोऽनुपम उपहारः न या स शं क ा अ प ेहम ् क णा-ममतायाः म् म ू तः न कोऽ प क ुम ् श ो त तव तप ू तः तव चरणयोः मम जीवनम् अ 'मातृ'श म हमा अपारः अ ता पारीक अ मी