Page 54 - Epatrika2020 KV2 AFA DUNDIGAL HYD
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सबु ह                                                                                   नाम : ाती 
                                                                                        क ा : 7 'अ' 
सूरज क करण आती ह,                                                                        रोल नं : 36 
सारी क लय खल जाती ह, 
अधं कार सब खो जाता ह, 
सब जग सुंदर हो जाता ह। 
च ड़य गाती ह मलजलु कर, 
बहते ह उनक मीठ र, 
ठंड -ठंड हवा सुहानी, 
चलती ह जसै ी म ानी। 
यह ातः क सुख बले ा ह, 
धरती का सुख अलबले ा ह, 
नई ताजगी, नई कहानी, 
नया जोश पाते ह ाणी। 
खो दते ह आलस सारा, 
और काम लगता ह ारा, 
सुबह भली लगती ह उनको, 
महे नत ारी लगती जनको। 
मेहनत सबसे अ ा गुण ह, 
आलस बहुत बड़ा दुगणु ह, 
अगर सुबह भी अलसा जाए, 
तो ा जग सदुं र हो पाए। 
 

                                                                                      
 
 
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