Page 27 - HINDI_SB35_Prophets1
P. 27

ं
                                 े
                         हम उसे उसक सदेश               पेड़ को न� कर
                                   े
                          का प्रचार करन से            और तभी तू उसका
                              े
                                �
                           कै स रोकग? े                 फल न� कर
                                                            े
                                                          पायगा!




                                                              अभी उसे मार द�
                                                              और उसकी बातों
                                                              को भी भुला िदया
                                                                जाएगा....



                                        े
                                       लिकन मुझे बता!
                                                                      े
             े
              े
            तर घर म�                   िक दु� उ�ित �ों            म� अपन लोगों से प्रेम
                                            े
                                                    यह कब
                                                                         े
          अनातोत के  कु छ                करत ह�?   तक चलगा?       करता �ँ, लिकन म�
                                                        े
                                                                        े
          लोग तुझे मारना                                          उ�� अपन शत्रुओं के    लिकन म� दया
                                                                                े
                                                                   ं
                े
            चाहत ह�।                                              हाथों म� दे देता �ँ ।  क�गा।
                                                                                  ँ
                        े
                   प्रभु, म� तर  े
                     �
                  काय के  प्रित
                   वचनब� �ँ!
                  तू स�ाई से �ाय
                         े
                 करता है! उनक मनों
                   को परख और
                           े
                 अपना बदला ल....






                                         े
                   इस्राएल के  चारों ओर के  रा� बदलत और   े
                         े
                      लड़त रहे, िगरत और उठत रहे।  योिश�ाह न िमस्र के  �खलाफ लड़ाई
                                      े
                               े
                                                    म� खुद को िछपा िलया।
                                                      े
                                                     लिकन मारा गया
                                                         था।
                                                                                े
                                                                                    े
                                                                             उसक तीसर सबस  े
                                                                                े
                                                                            िप्रय बटे यहोआहाज
                                                                               ं
                                                                            को िसहासन िदया गया
                                                                                 था।







                                              �
                                            ियम � याह                                      25 25
                                            ियमयाह 11, 12 11, 12
   22   23   24   25   26   27   28   29   30   31   32