Page 30 - HINDI_SB35_Prophets1
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                                                                         े
                                                                  हमार प्रभु न मुझे इस
                                                                 भवन और इस शहर के
                                                                िव�� भिव��ाणी  करन  े
                                                                   के  िलए भेजा है!
                                                                        प्रभु की आ�ा
                                                                         मानो तो यह
                                                                         नहीं होगा!
                                                                             े
                                                                          ु
                                                                               ं
                                                                        म� त�ार हाथों
                                                                            े
                                                                        म� �ँ, लिकन --









                                                         े
                                           --यिद तुम मुझे मार दोग, तो
                                                    े
                                                   ं
                                           प्रभु के  एक सदशवाहक को
                                                 मारोग। े


                                 यिद वह सच म�
                                 प्रभु की ओर से
                                  बोलता है...

                                                                                  ं
                                                                                े
                                                                           तो हमार हाथों से
                                                                          एक िनद�ष का खून
                                                                              होगा।
                                       --इसिलए, जो
                                                            े
                                                            े
                                       सही है वो कर!       तर शत्रु इस
                                                          महल को न�
                                                              े
                                                          कर द�ग यिद तू
                                                           नहीं करेगा!

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               �
        प्रभु न ियमयाह को
        यहोयाकीम के  पास
            भेजा।
               े
            परम�र कहता है,
                                                             े
           "य�दा के  राजा, सुन।"                          उसन कहा
                                                          यहोआहाज
                                                         िमस्र म� मर गया
                                                            है।
                                                                           और
                                                                           ु
                                                                          मझको
                                                                           �ा?


                                                                    प्रभु कहता है, "म� उसे
                           ं
                  "तू दाऊद के  िसहासन                             नबकदन�र को सौंप दूंगा
                                                                       े
                                                                    ू
                     पर बैठा है—”                                  और उसक लोग उसका
                                                                         े
                                                                               े
                                                                             ं
                                                                    शोक नहीं मनाएग।"
     28 28                               ियम ��याह 26:12-19; 22
                                         ियमयाह 26:12-19; 22
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