े “--म�न प्रभु को े दखा।” पिवत्र! पिवत्र! पिवत्र! पिवत्र! पिवत्र! पिवत्र! प्रभु पिवत्र है ! � सवश��मान े परम�र पिवत्र है! पृ�ी उसकी ू मिहमा से भरपर है! े “और म�न देखा प्रभु , ऊँ च े पर िबराजमान था।” 2 2 यशायाह यशायाह6:1-46:1-4