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-- वे सचमच देखग े जब तक शहर न� ना हो
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और सुनगे और जाएँ , घर िनजन ना हो जाएँ ,
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समझग! े और वे मन और खेत तहस-नहस ना हो
जाएँ ।
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िफरायग! े
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और उसक बाद,
और वे चंगे देश के स्थान
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हो जाएं ग! े िफर से बबाद हो
जाएं ग! े
यह कब तक
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चलगा, प्रभु लिकन इस्राएल म� िफर
? भी एक पिवत्र वंश बना
रहेगा, जैसे िक प�ड के
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काट जाने पर उसक पीछ े
ठूँ ठ छू ट जाता है!
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“—लिकन इस्राएल
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अपन मािलक को
नहीं पहचानता है!’’
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प्रभु न ऐसा
कहा!
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“मर �ारा उ��
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ब�ों न मरे
�खलाफ़ िवद्रोह
िकया है!”
“वह एक पापों से भरा देश
“एक बैल और एक और एक दु� जाित है..’’
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गधा अपन मािलक
को पहचानता है-’’ समय बीतता गया।
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यशायाह अपन चतावनी के सदेश का लगातार प्रचार कर रहा था।
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प्रभु पूछते है, “ �ा त�� लगता
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है िक म� त�ार बिलदान चाहता
�ँ ?’’
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“त�ार उपहार �थ� ह�!
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त�ार बिलदानों से मेरा जी
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�ाकल होता है!’’
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“त�ार बर माग�
के कारण म� नहीं �
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सुनगा!’’ दु� माग? हम राजा
योताम के अधीनता म�
सही काम कर रहे ह�!
“तुम �ाय को ढूंढो!
अनाथों और िवधवाओं
6 6 यशायाह6:10-13; यशायाह1यशायाह6:10-13; यशायाह1 और पीिड़तों की मदद
करो!’’