Page 10 - HINDI_SB35_Prophets1
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इसीिलए, उ�री
            े
                    ं
             े
                                                               ु
      आहाज़ न चतावनी के  सदेश                          रा� का सचमच
            े
       को अ� से ग्रहण िकया....                         आराम के  साथ
                                                      गठब�न �आ है!
                                                                उनकी िनयत हम
                                                                         े
                         े
                 आरािमयों न एप्रैम म�                          पर उपद्रव करन की
                  त� खड़े िकय ह�।                                     है!
                     ू
                           े
                          े
                     वे तुझे तरे
                      ं
                     िसहासन से
                           े
                   उतारना चाहत ह�!
                                                       यह भयानक बात है!
                                                         हम �ा कर�?
                                                       शायद हमारा खुद का
                                                              ं
                                                        एक गठबधन हो... ?

                                                                         े
                                                                  और  प्रभु न यशायाह
                                                                     से कहा ....



                                                                               तू और तेरा पुत्र
                                                                                     ू
                                                                                    �
                                                                                 शायाशब
                                                                                 जाकर...




                                                             “... और उसे
                                                                  ं
            “....धोिबयों के  खेत के                           मेरा सदेश
                  �
             राजमाग से उपरी                                     दे।”
             तालाब की नाली के
              पास आहाज़ से                                               यह �ा है,
                िमल....“                                                यशायाह?
                       ....जो पानी का मु�
                                                                       ं
                       स्रोत है , हम� यह पता                 एक आशा का सदेश,
                       करना चािहए िक यह                        राजा आहाज़।
                          सरि�त है।
                           ु
                                                                 प्रभु कहता है मत
                                                                     डर।
                                           आहाज़।
                                            देख।





















     8 8                                    यशायाह 7:1-4
                                            यशायाह 7:1-4
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