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मेरा चचरा। े
एक समय के बाद... े े इसिलए, म�न िकया।
परम�र के कहन यह सब आिधका�रक
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के अनसार वह है। मर पास कागजी
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तू हमारी हार के आया। कारवाई है।
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िवषय म � वह चाहता था िक
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भिव��ाणी म� िब�ामीन के यहा पर।
करता रह। प्रदेश म� एक खेत
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अभी रोक खरीद लू। ँ तुम जानत हो
�ों नहीं �ों?
देता?
कु छ समय पहल, े
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प्रभु न मुझे बताया
िक मुझे एक
मुझे िगर�ार
आगंतुक िमला है। करन से पहल म�
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वहीँ जा रहा था।
इस िम�ी के घड़े म� ु े � े
उस जमीन के िलए प्रभकहत है, “मन अ� रा� � ों का कहना
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द�ावज़ सरि�त पृ�ी बनाई। पकारो है िक परम�र न े
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है। प्रभु कहता है िक यह और म� त�� उ�र हमको अपनी पीठ
रा� � जल जाएगा, दूंगा! " े िदखाई है!
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लिकन वह अपन लोगों े य�शलम
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को सरि�त रखगा। रिग�ान की तरह लिकन परमेश् वर को
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िनज�व हो जाएगा। उसकी वाचा याद है!
एक िदन, लोग
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यहा िफर से लिकन प्रभु वह अपन लोगों को
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जमीन खरीदग े कहता है, "म� िफर से आशीिषत
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और बेच�गे। अपन लोगों करेगा और प्रेम
को चंगा करेगा!
क�ं गा!"
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38 38 ियमयाह 32-33
ियमयाह 32-33