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मर प्रभु और राजा, और हमार सिनकों
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बबीलोन को समपण की आशा!
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करन के िलए ियमयाह
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की माँग दशद्रोह है! उ�� आ�य है िक
उ�� लड़ना भी
उसे फांसी दी �ों चािहए!
जानी चािहए!
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म�न उसे तर े
हाथों म� दे
िदया।
मेरा बेटा
सच बोलता
है!
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ियमयाह के वचन हमार े
लोगों की आशा को ख�
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करत ह�!
और इसिलए.....
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ियमयाह
अनदखा था।
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अब कोई भी तेरी
िवनाश और उदासी
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की धिमल
भिव�वािणयों को नहीं
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सुनगा !!!
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लिकन उसे भलाया नहीं
गया था।
�ा मुझे छोड़
िदया गया है?
�ा म� यहा ं
मर
ं
जाऊगा?
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बात शहर म� फल गयी थी िक�ा
�आ था।
ियम � � याह 39 39
ियमयाह 38:1-6 38:1-6