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गहरे पानी म� जा और
                                  अपने जाल डाल।                      हे गु�, म� पूरी रात से बाहर �ँ
                                                                     और कुछ भी नह� पकड़ा है!
                                             देखते ह� िक तू क्या
                                               पकड़ता है।
                                                                                िन��त �प से इस दोपहर
                                                                                म� हम कुछ भी नह� पकड़ने
                                                                                    वाले ह�!





                                                            क्य�िक यह तू है,
                                                कोई संवाद नह�।  इस�लए म� इसे
                                                                       भाइय�, आओ चल�!



























                                      क्या तुमने वह
        वह हम से क्या                 महसूस िकया?
      पकड़वाना चाहता है?
                                          महसूस करो ...
                                           वाह .... ओहो ...









                                     सुनो, तुम भाइय�!
                                     यहाँ ऊपर आओ!   हम� यहाँ सहायता की
                                                आवश्यकता है!















                                म�ी 4:18-22; मरक ु स 1:14-20; लूका 5:1-11                  13 13
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