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जब सब्त का िदन आया तो िशक्षा देने के
         �लए यीशु आराधनालय म� गया।                                          हे यीशु, तू हम से

           आराधनालय म� वे लोग उसका िवरोध कर रहे थे ...                      क्या चाहता है?





      ... एक दु�ात्मा�स्त ��� के �ारा।                       क्या तू हम� नाश करने आया
                                                              है? क्या तू इसी�लए आया
                                                                   है?

                                                                म� जानती �ँ िक तू कौन है? हाँ म�
                                                                 जानती �ँ, मुझे मालूम है, म� जानती
                                                                    �ँ, मुझे मालूम है।










                                   हाँ, तुझे मालूम है।

                                      परन्तु तू िकसी को
                                      भी नह� बताएगी!

                                  चुप हो जा और इसम�
                                   से िनकल आ!!!
















       और लोग अच�म्भत थे, क्य�िक उसने न      जब वे आराधनालय से िनकले ...
        केवल िकसी अिधकार वाले के समान
              िशक्षा दी ...

            ... उसने िकसी अिधकार वाले के      हे �भु, क्या तू
               समान �वहार िकया।
                                              मेरे घर आएगा?

                                                 तेरे पास दु�ात्मा� और मछ�लय� जैसे
                                                 चीज� को भी आदेश देने वाली सामथर् है


                                     "... मेरी सास को बुखार है।"
                                                            अंदर आइये! अंदर आइये! अच्छा
                                                            तो तुम वह यीशु हो िजसकी बात
                                                               पतरस ने की थी!






     16 16                           मरक ु स 1:21-28; लूका 4:33-37
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