Page 26 - HINDI_SB44_Christ04
P. 26
उस रात, म�ी ने यीशु के �लए एक भोज रखा। म�ी क े साथ क े चुंगी लेने वाल� क े साथ ही यीशु
क े ब�त से अनुयायी वहाँ थे। .... हे याकूब, म� तुझे बता रहा �ँ िक म�
ब�त स्वतं� महसूस करता �ँ!
क्या तू सच म� सोचता है
िक तू इस तरह से उठ कर
जा सकता है?
म� आनन्दपूवर्क इस जीवन
से द ू र जा रहा �ँ!
और आनन्दपूवर्क!
और हम तेरे पीछे
-पीछे आएँगे!
म� तुमको यहाँ आमंि�त िकया है तािक तुम मेरे वै� की आवश्यकता िकसे है?
नए स्वामी से िमल सको! स्वस्थ को या बीमार को?
अब म� रोम के �लए क�ठन
प�र�म नह� क�ँगा!
क्या तुम जानते हो िक परमे�र का क्या अथर् है
या धन क े �लए! जब वह कहता है, "म� दया चाहता �ँ, ब�लदान
नह�"?
नह�, म� इस चंगा करने वाले और
िशक्षा देने वाले के पीछे चलूगा,! म� पािपय� को प�ाताप करने
ँ
के �लए बुलाने आया �ँ!
उसे देखो!
तुम दोन� कैसे एक ऐसे जन के पीछे जा
सकते हो जो उन जैसे पापी लोग� के
साथ खाता और पीता है?
सही है और अच्छा है, लेिकन तू
यहाँ बैठ कर खाता और पीता है ...
जबिक हम फरीसी िनत्य �प से उपवास करते तू और तेरे चेले उपवास क्य� क्या दूल्हे के िम� जब तक वह उनके साथ है
ह�! यहाँ तक िक बपितस्मा देने वाले के चेले नह� करते ह�? तो शोक कर सकते ह�? नह�!
भी उपवास करते ह�!
एक समय आता है जब दूल्हा उनके साथ
नह� रहेगा, और तब वे उपवास कर�गे।
24 24 म�ी 9:10-15; मरक ु स 2:15-20; लूका 5:29-35