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मछुआरे की प�ी की कहानी
"सबसे बड़ी पकड़"
हर सुबह, म� जागू ँगी। वह अपनी सारी रात को बाहर मछ�लयाँ पकड़ते �ए िबताएगा।
और म� �तीक्षा क�ँगी।
यह खतरनाक और क�ठन काम था, और कई रात� को उनके पास इस काम का फल
िदखाने के �लए कुछ भी नह� िमला था।
हे जब्दी! शमौन और
अ�न्�यास कहाँ ह�?
क्या कुछ �आ था? क्या उन्ह�ने
कुछ नह� पकड़ा?
ओह, उन्ह�ने अपनी िकसी भी समय की सबसे
बड़ी पकड़ को पाया है!
एक मछुआरे की प�ी, नह� जानती िक उसका पित आएगा या नह�।
तो मेरा पित म�ने मेरे पित से �ेम िकया है, भले ही उसने कई बार
कहाँ है? शमौन और उसका भाई िबना सोचे बोला और �वहार िकया है।
और मेरे लड़के ... कभी-कभी, म� सोचती
वे यीशु क े �ँ िक इसी�लए म� उसे
साथ ह�। �ेम करती �ँ।
यीशु? वह पु�ष िजसने शमौन बाकी समय� पर?
को "पतरस" कहा था?
हाँ, म� भी यही वह कहाँ है?
सोचता �ँ।
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