Page 28 - HINDI_SB44_Christ04
P. 28
तेरा धन्यवाद! तेरा
धन्यवाद!
मेरे िम�, अब
पाप नह� रहा!
तू क्या कर रहा
है?
यह सब्त का िदन है!
अथार्त िव�ाम का िदन! इस तरह से अपना िबस्तर उठाना
परमे�र की �वस्था के अधीन
नह� है!
परन्तु उस पु�ष ने
मुझे मेरा िबस्तर उठाने और चलने-िफरने
के �लए कहा! म� कर सकता �ँ ...
पयार्�
तू क्य� सोचता है िक तू सब्त के िदन इन काम�
को कर सकता है?
मेरा िपता सब्त क े िदन भी काम जो क ु छ भी िपता करता है, वह पु�
करता है, इस�लए म� भी काम भी करता है। यहाँ तक िक मुद�ं को
कर रहा �ँ। जीिवत करना भी!
क्या तू कह रहा है िक तू परमे�र
यिद म� यह अपने बारे म� क�ँ, तो तुम्हारे पास
का पु� है? िक तू उसके बराबर है? िव�ास न करने के �लए कारण होगा।
परन्तु यूहन्ना बपितस्मा देने वाले िनःसंदेह, मेरे बारे म� एक मजबूत गवाही हैः
ने मेरे बारे बोला था।
पिव�शा� म� स्वयं परमे�र।
परन्तु तुमने उसे देखने
से इंकार कर िदया।
इसके बजाए, तुमने दूसर� पर दोष लगाने के �लए पिव�शा� को
पढ़ा, और वही मूसा की �वस्था वास्तव म� तुम पर दोष लगाती है!
तुम कहते हो िक तुम मूसा पर िव�ास करते हो, परन्तु यिद
तुमने ऐसा िकया तो तुम मुझ पर िव�ास करोगे।
उसने मेरे बारे
परन्तु क्य�िक तुम उसके ही �लखे �ए को
म� �लखा!
नह� मानते, तो तुम मुझ पर कैसे िव�ास
करने वाले हो?
26 26 यूहन्ना 5:16-27