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परमेश्वर सब
                                      मनुष्यों से चाहता
                                       है कि वे नम्रता
                                       पूर्वक उसके
                                       सम्मुख चलें।   पकड़ने के प्रयास में सेना के तीन बार असफल होने के बाद
                                                      शाऊल स्वयं दाऊद को पकड़ने के लिए उस नगर की यात्रा
                                          और उसका         की   वही अनुभव प्राप्त करने के लिए।
                                        भय माने।
















            परमेश्वर का आत्मा उनके ऊपर बड़े सामर्थ के साथ मण्डलाया
           कि वे भविष्यवाणी करने लगे और परमेश्वर के आश्चर्यकर्मों के
                      बारे में बोलने लगे।























                                                       क्या शाऊल भी
                                                       भविष्यवक्ताओं
                                                         में से है
               परन्तु परमेश्वर का आत्मा शाऊल के
                 हृदय में गहराई से काम करने लगा।
















                             प्रभु धर्मी और
                            सच्चा परमेश्वर है
                            जिसने समस्त मानव
                            जाति की सृष्टि की।    शाऊल ने अपने
                                               राजकीय वस्र और कवच
                                               फाड़ा और नीचे रख दिया
                              केवल वही आदर
                             और स्तुति के योग्य है।  परमेश्वर के सामने पूर्णतः
                                                  नम्र हो गया।

     16 16                                   शमूएल
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