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एब्यातार अपने साथ ऊरीम और तुम्मीम लाया था। वे याजकों के कवच में लाए
गए थे और इनका इस्तेमाल परमेश्वर की इच्छा जानने के लिए किया जाता था।
यह नहीं मालूम कि ये मणि पत्थर थे या पत्थर थे इसके एक तरफ काला था और
दूसरी तरफ सफ़ेद जो किसी विशेष प्रश्न का उत्तर हाँ या ना में देता था।
इसके बावजूद परमेश्वर ने इसे
अगुवों को एक साधन के रूप में
दिया जिससे परमेश्वर की इच्छा
जानी जा सके।
या शायद वे पत्थर थे जिन पर
इब्रानी अक्षर थे जो याजक के संदेश
को प्रगट करते थे।
यह भविष्य बताने वाली
एक शैली थी जिसे
परमेश्वर ने पुराने नियम
में होने दिया।
ऊरीम और तुम्मीम को हारून के कवच पर रख दे ताकि ये हारून के हृदय पर रहे जब जब वह
परमेश्वर की उपस्थिति में प्रवेश करे। ताकि हारून परमेश्वर के सम्मुख इस्राएलियों के
लिए हृदय से निर्णय ले सके।
निर्गमन
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