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                       55 ई�ी. क�र��यों की कलीिसया म�
                                                                                 ुु
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                                                                             I क�रिथयोंं
                        सम�ाए थीं - ब�त सारी सम�ाए। ँ                        I क�रिथयो
                            ँ
                                             े
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                                 ँ
                               वहा की कलीिसया को प्र�रत पौलस न अपनी
                                ू
                               दसरी िमशनरी यात्रा पर स्थािपत िकया था।



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         क�र��यों को छोड़न के  बाद उसन कलीिसया म�
                              े
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         अनितकता के  बार म� सुना और उसन िलखा िजसे   यह शहर नितक �प से इतना भ्र�
                                                  ँ
            ‘कठोर पत्र’ कहा जाता था; (1 कु �र. 5:9)  था, यहा तक िक िवधम� रीितयों के
                                                   ु
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        तब, कलीिसया के  अ� प्र�ों का उ�र देन के  िलए,   अनसार, क�र��यों नाम �िभचार
                                                            �
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             उसन यह पत्र िलखा – 1 क�र��यों।  और नितक भ्र�ता का पयायवाची बन
                                                      गया।













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                               ं
          कलीिसया म� सबस गभीर सम�ा सासा�रकता थी - अपन  े     हे भाइयों �ान दो, िक तुमम�
         आस-पास की स�ृ ित से �यं को अलग करन की अिन�ा।          से कु छ जो मसीह का
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                                                            अनसरण करत ह� उनक पास
                                                                           �
                                 �
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                         इसक बीच म, पौलस न कलीिसया की स्थापना   न बड़ा नाम या साम� या
                                                                   धन है।
                          की और िफर उ�� िसखाया िक मसीिहयों की
                                       े
                                 तरह कै स रहना है।







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                                                                े
                                                                           े
                                                             इसक बजाय, परम�र न उन लोगों को चुना िज��
                                                              कु छ भी नहीं िगना गया तािक कोई भी कहीं भी
                                                            परम�र की उप�स्थित म� अपनी बड़ाई न कर सके ।
                                                               े
                                            I क�रिथयों 1 1
                                            I  क ु ु  �र ं ं िथयो ं                        13 13
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