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“यह बात �रण रहे िक प्रभु न सारी जाित को
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िमस्र देश से छड़ाया, और उन म� से जो उस पर
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िव�ास नहीं करत, और न उसकी आ�ा मानत े
थे, उन म� से हर एक को मार िदया।”
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“और �गदतों को िज�ोंन अपन े
िनज िनवास को छोड़ िदया –
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परम�र न अब अंधेर कदखानों म�
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जजीरों म� जकड़ – �ाय के िदन की
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प्रती�ा करन के िलए रखा है।”
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“सदोम और अमोरा और उनक पड़ोसी नगरों को मत भूलो,
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िज�ोंन �यं को अनितकता और दराचार के िलए दे िदया।”
“वे आग से न� हो गए - और आज भी एक
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चतावनी के �प म� ठहर ह�।”
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