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         हम सरकसा, िसिसली, और िफर उ�र म�
        रोम के  िलए रवाना �ए, अंत म� एपीएन के
                 �
               माग पर चल रहे थे।














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         जैसे ही यह बात फली िक प्र�रत रोम
                आ रहा है...









                                                                                        ु
                                                                                    े
                                                               ....जैसे ही हम शहर के  िनकट प�ँच, यीश के
                                                                  अनयािययों न हमारा �ागत िकया।
                                                                    ु
                                                                          े
         रोम ब�त बड़ा था,
         लाखों की तादात म�
           भरा �आ।
















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                                             नजरबद रहन के  दौरान, पौलस को
                                                              े
                                               एक कमरा िकराए पर लेन की
                                                    ु
                                                  अनमित दी गई थी...
        ... जहाँ वह एक िसपाही के  साथ
                 े
        रहता था, िजसक साथ वह जंजीर
            से बंधा रहता था।
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         म� उसक पास ही रहा, उसक
                     �
          िलए खाना, िकताब और
          लेखन सामग्री लाकर देता
                था।




                                        प्र े े �रतो   ं के    काम  28:12-16               29 29
                                        प्र�रतों के  काम 28:12-16
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