Page 32 - HINDI_SB56_Acts4
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पौलस न स्थानीय य�दी अगवों को एक
साथ बलाया।
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हे भाइयों, मने रोम के लोग मुझे
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हमार लोगों या �तंत्र करना चाहत थे,
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हमार रीित-�रवाजों लिकन कु छ धािमक
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के िवरोध म� कु छ अगवों न इसका
नहीं िकया। िवरोध िकया।
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हम तर िवचार
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सनना चाहत ह�…
... �ोंिक हर जगह
लोग मसीही
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समदाय के िवरोध
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म� बोलत ह�।
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लोग बड़ी सं�ा म उसक घर आए और उसन उ�� परम�र के रा� के बार म�
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बताया और उ�� मूसा और भिव���ाओं की �वस्था से यीश के बार म�
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समझान की कोिशश की।
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कु छ न िव�ास िकया
और कु छ न नहीं।
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वे पौलस के इस
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अितम वचन के
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साथ चल गए...
पिवत्र आ�ा सही था
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जब उसन यशायाह
भिव���ा के �ारा
कहा, "य�िदयों से
कहो..."
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"तुम सनोग और दखोग, पर समझ नहीं पाओग, े
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�ोंिक त�ार मन ब�त मोट ह�, और तुम कानों से इसिलए, म� चाहता �ँ िक
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नहीं सुनते, और तुम न देखन और सुनन और समझन े तुम यह अनभव करो िक
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के िलए अपनी आँख बंद कर ली ह�, और तुम मेरी और परम�र की ओर से यह
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िफरो तो म� त�� चंगा क�गा।" उ�ार अ�जाितयों के
िलए उपल� है - और वे
इसे �ीकार करग। े
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अगले दो वष तक पौलस िकराए के
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घर म रहा, और िजतने उसके पास
आए, उन सभों का �ागत िकया,
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और उ�� परम�र के रा� और प्रभु
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यीश मसीह के िवषय म� बड़ िहयाव
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से बताता रहा; और िकसी न उसे
रोकन की कोिशश नहीं की।
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30 30 प्र�रतों के काम 28:17-18
े प्रे�रतों के काम 28:17-18